iGrain India - नई दिल्ली । सरकारी एजेंसियों द्वारा 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के दौरान 22 अप्रैल 2024 तक किसानों से कुल 714 लाख टन धान खरीदा गया जो पिछले साल की इसी अवधि की खरीद 730 लाख टन से 16 लाख टन कम है।
केन्द्रीय खाद्यान्न खरीद पोर्टल पर दी गई सूचना के अनुसार धान की यह पूरी खरीद 480 लाख टन चावल के समतुल्य है। सरकार ने सम्पूर्ण मार्केटिंग सीजन के लिए कुल 621 लाख टन चावल की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है जिसके 77 प्रतिशत भाग की खरीद अब तक पूरी हो चुकी है।
हाल के दिनों में चावल की खरीद मुख्यत: उत्तराखंड, तेलंगाना एवं तमिलनाडु में हुई है। उत्तराखंड में किसानों से 7.25 लाख टन धान खरीदा गया है जबकि अब तक तेलंगाना में करीब 50 लाख टन तथा तमिलनाडु में 25 लाख टन धान की खरीद हो चुकी है।
2023-24 के मार्केटिंग सीजन के दौरान पंजाब में सर्वाधिक 185 लाख टन तथा छत्तीसगढ़ में 145 लाख टन धान की खरीद हुई जबकि 60 लाख टन की खरीद के साथ हरियाणा तीसरे नम्बर पर रहा।
उल्लेखनीय है कि केन्द्रीयकृत खरीद प्रणाली के तहत भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) एवं उसकी सहयोगी प्रांतीय एजेंसियों द्वारा किसानों से खरीद एवं रबी मार्केटिंग सीजन में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीदा जाता है और फिर उसे कस्टम मिलिंग के लिए राइस मिलर्स को आवंटित कर दिया जाता है।
धान से चावल की औसत रिकवरी दर 67 प्रतिशत आंकी जाती है और इसी आधार पर मिलर्स सरकारी एजेंसियों को कस्टम मिलिंग चावल (सीएमआर) की आपूर्ति करते हैं।
केन्द्र सरकार द्वारा 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन में धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सामान्य श्रेणी के लिए 2183 रुपए प्रति क्विंटल तथा 'ए' के लिए 2203 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है।
चालू मार्केटिंग सीजन में एक करोड़ से अधिक किसानों से 7.14 करोड़ टन धान खरीदा गया है और न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधार पर किसानों को करीब 1.4 ट्रिलियन रुपए का भुगतान किया जा चुका है। सरकार को अब तक 1830 लाख टन चावल प्राप्त हो चुका है जबकि 295 लाख टन चावल प्राप्त होना अभी बाकी है।