iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार देश भर में कृषि फसलों और किसानों की बेहतरी के लिए क्लस्टर (उपखण्ड) के आधार पर विकास वर्षों के लिए प्रयास करने पर ध्यान केन्द्रित कर रही है जिसका उद्देश्य कृषि उत्पादों की बाजार पहुंच को बेहतर बनाना और किसानों के खेत- खलिहान से ही उत्पादों का उठाव सुनिश्चित करना है।
इसके लिए सरकार कृषि क्षेत्र के लिए अपनी मौजूद नीति को उपयुक्त ढंग से संशोधित करने की योजना बना रही है ताकि देश में विभिन्न फसलों के लिए अलग-अलग क्लस्टर का निर्माण हो सके।
दरअसल जिस फसल का उत्पादन किसी खास क्षेत्र (क्लस्टर) में होता है वहां उसके लिए विभिन्न सुविधाओं के विकास-विस्तार की जरूरत पड़ती है। इसके तहत एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया जा सकता है कि वहां उद्यमियों- प्रोसेसर्स को पीछे किसानों से उप उत्पाद की खरीद करने की अनुमति प्रदान की जाए / इससे जहां किसानों को किसी अतिरिक्त खर्च छुटकारा मिलेगा वहां मिलर्स-प्रोसेसर्स को अपनी आवश्यकता के अनुरूप कच्चा माल हासिल करने में सहायता में सहायता मिलेगी।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार कृषि फसलों के क्लस्टर आधारित विकास की प्रक्रिया आरम्भ करने पर गम्भीरतापूर्वक विचार किया जा रहा है। यह उसी तरह का होगा जिस तरह बागवानी फसलों के लिए हुआ है।
मालूम हो कि विभिन्न तरह के फलों, सब्जियों एवं मसालों के लिए क्लस्टर का निर्माण पहले ही हो चुका है। अब कृषि फसलों के लिए प्रयास होगा। इसे प्रोत्साहित करने के दो तरीके हैं।
या तो मौजूद स्कीम का सम्पर्क क्लस्टर विकास की शर्तों के साथ, जहां तक लाभप्रद हो, वहां तक जोड़ दिया जाए या फिर प्रोसेसिंग उद्योगों के साथ क्लस्टर को जोड़ा जाए। दोनों उपाये भी लागू हो सकते हैं।