iGrain India - पुणे । देश के सबसे प्रमुख चीनी उत्पादक प्रान्त- महाराष्ट्र में पूर्व अनुमान के विपरीत इस बार चीनी के उत्पादन में अच्छी बढ़ोत्तरी हुई है। पहले वहां चीनी के उत्पादन में गिरावट आने की संभावना व्यक्त की जा रही थी क्योंकि गत वर्ष मानसून की बारिश कम होने से गन्ना फसल की उपज दर एवं गन्ना से चीनी की रिकवरी दर में गिरावट आने का अनुमान लगाया जा रहा था।
लेकिन नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि इस बार वहां 207 चीनी मिलों में गन्ना की क्रशिंग शुरू हुई और चीनी के उत्पादन में पिछले सीजन के मुकाबले 41.25 लाख क्विंटल की शानदार बढ़ोत्तरी दर्ज की गई।
सहकारी एवं प्राइवेट मिलों में चीनी का कुल उत्पादन बढ़कर 1093.55 लाख क्विंटल (करीब 109.36 लाख टन) पर पहुंच गया। गन्ना से चीनी की औसत रिकवरी दर भी पिछले सीजन के 10.00 प्रतिशत से सुधरकर चालू सीजन में 10.25 प्रतिशत हो गई।
महाराष्ट्र के चीनी आयुक्त का कहना है कि सितम्बर-अक्टूबर 2023 के दौरान अंतिम चरण की अच्छी बारिश होने से तथा एथनॉल निर्माण में गन्ना की सीमित मात्रा के उपयोग की अनुमति दिए जाने से चीनी मिलों को क्रशिंग के लिए कच्चे माल की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ गई।
आमतौर पर एथनॉल का उत्पादन तीन चरणों- ए, बी और सी में होता है। बी चरण में उत्पादित एथनॉल ज्यादा मूल्यवान होता है। इस बार केन्द्र सरकार ने एथनॉल के बजाए मिलर्स के लिए चीनी का उत्पादन करना अनिवार्य बना दिया।
इसके फलस्वरूप जिस 10-20 लाख टन चीनी का उपयोग एथनॉल निर्माण में होना था अब नहीं हो पाया। इससे चीनी के उत्पादन में बढ़ोत्तरी हो गई।
पिछले साल की समान अवधि के दौरान महाराष्ट्र में 1052.30 लाख क्विंटल (105.23 लाख टन) चीनी का उत्पादन हुआ था। अब तक महाराष्ट्र में 196 इकाइयां बंद हो चुकी हैं और सिर्फ 11 मिलों में गन्ना की क्रशिंग अभी जारी है।