iGrain India - नई दिल्ली । आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) तथा उसकी सहयोगी प्रांतीय एजेंसियों द्वारा केन्द्रीय पूल के लिए चालू रबी मार्केटिंग सीजन में राष्ट्रीय स्तर पर अब तक केवल 119.26 लाख टन गेहूं खरीदा जा सका जो पिछले साल की समान अवधि की खरीद 159.23 लाख टन से करीब 40 लाख टन या 25 प्रतिशत कम है।
यद्यपि केन्द्रीय पूल में खाद्यान्न का सर्वाधिक योगदान देने वाले राज्य- पंजाब में गेहूं की खरीद गत वर्ष से पीछे चल रही है मगर गत छह दिनों यानी 19 से 24 अप्रैल के दौरान वहां 31.64 लाख टन की खरीद हो गई जिससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि खरीद की रफ्तार अब तेजी से बढ़ने लगी है।
चालू माह के आरंभ में असामयिक वर्षा होने से पंजाब में न केवल गेहूं की कटाई बाधित हुई बल्कि दाने में नमी का अंश भी बढ़ गया। इससे खरीद की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो गई थी।
केन्द्र सरकार ने चालू सीजन के दौरान पंजाब में 130 लाख टन तथा हरियाणा में 80 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा है और उसे भरोसा है कि इन दोनों राज्यों से कुल 210 लाख टन गेहूं की खरीद हो जाएगी।
लेकिन मुख्य समस्या राजस्थान, मध्य प्रदेश (एमपी) तथा उत्तर प्रदेश (यूपी) के साथ है। पंजाब में 18 अप्रैल तक 3.31 लाख टन गेहूं खरीदा गया था मगर 23 अप्रैल तक आते-आते यह बढ़कर 34.95 लाख टन पर पहुंच गया।
यद्यपि वर्तमान सीजन में अब तक हुई खरीद गत वर्ष से 49 प्रतिशत पीछे है लेकिन खाद्य निगम का कहना है कि मौसम साफ होने पर फसल की कटाई-तैयारी की रफ्तार बढ़ते ही क्रय केन्द्रों पर इसकी भारी आवक होने लगेगी और फिर सरकारी खरीद की गति तेज हो जाएगी। पंजाब में अभी तक महज 30 प्रतिशत क्षेत्र में गेहूं फसल की कटाई पूरी हुई है।
हरियाणा में 80 लाख टन के नियत लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 48.14 लाख टन गेहूं की खरीद पूरी हो चुकी है जो गत वर्ष की समान अवधि की खरीद 49.18 लाख टन से 2 प्रतिशत कम है। हरियाणा में गेहूं की 70 प्रतिशत फसल की कटाई-तैयारी हो चुकी है।
उधर राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में गेहूं की क्वालिटी सम्बन्धी नियमों-शर्तों में कुछ राहत देने की घोषणा की गई है। एमएसपी में 80 लाख टन, यूपी में 60 लाख टन एवं राजस्थान में 20 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।