iGrain India - नई दिल्ली । घरेलू प्रभाग में दाल-दलहन की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने, कीमतों में तेजी पर अंकुश लगाने तथा विदेशों से आयात घटाने के लिए केन्द्र सरकार देश के तीन राज्यों- बिहार, झारखंड एवं उत्तर प्रदेश में किसानों के सहयोग से उत्पादन बढ़ाने की दिशा में गंभीरता से काम कर रही है।
दिलचस्प तथ्य यह है कि इन राज्यों में किसानों को आगामी खरीफ सीजन में फसलों की बिजाई प्रक्रिया शुरू होने से पूर्व ही अरहर (तुवर), उड़द एवं मूंग की खेती आरंभ करने के लिए कहा जा रहा है ताकि इन दलहनों के क्षेत्रफल तथा उत्पादन में बढ़ोत्तरी संभव हो सके।
वहां किसानों को आश्वासन दिया गया है कि उनके दलहनों की खरीद केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतन समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर की जाएगी। 2024-25 के खरीफ सीजन के लिए अभी एमएसपी की घोषणा नहीं हुई है जबकि 2023-24 सीजन के लिए घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य की तुलना में इन दलहनों का खुला बाजार भाव ऊंचा चल रहा है।
सरकार दलहनों का घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। वित्त वर्ष 2023-24 (अप्रैल-मार्च) के दौरान देश में विशाल आयात होने के बावजूद दलहनों के दाम में उम्मीद के अनुरूप गिरावट नहीं आ सकी।
इसके अलावा मोजाम्बिक तथा म्यांमार जैसे देशों से दलहन आयात में कुछ समस्या भी रही। इसे देखते हुए सरकार जहां एक ओर ब्राजील तथा अर्जेन्टीना जैसे गैर परम्परागत निर्यातक देशों से दलहनों का आयात बढ़ाने का जोर दे रही है वहीं दूसरी तरफ घरलू उत्पादन बढ़ाने पर भी भरपूर ध्यान दे रही है।
कृषि उत्पादों के संवर्ग में देश के अंदर अब खाद्य तेलों के बाद दलहनों का ही सर्वदिक आयात होता है और इस पर विशाल धनराशि खर्च होती है।
बिहार, झारखंड एवं उत्तर प्रदेश में दलहन उत्पादन बढ़ाने के कार्यक्रम के लिए केन्द्र सरकार ने भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) को नोडल (संचालक) एजेंसी नियुक्त किया है।
फिलहाल इन राज्यों में दलहन उत्पादन के लिए कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है। कृषि मंत्री के अनुसार 2022-23 सीजन के दौरान उत्तर प्रदेश में करीब 28.50 लाख टन, झारखंड में 7.61 लाख टन तथा बिहार में 4.50 लाख टन दलहनों का उत्पादन हुआ।