iGrain India - इडुक्की । प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में लम्बे समय से अच्छी बारिश नहीं होने तथा तापमान ऊंचा रहने के कारण हरी (छोटी) इलायची का उत्पादन इस बार प्रभावित होने की आशंका है जिससे कीमतों में तेजी-मजबूती का दौर आरंभ हो गया लगता है।
पिछले तीन महीनों के दौरान केरल एवं तमिलनाडु के महत्वपूर्ण उत्पादक इलाकों में पर्याप्त बारिश नहीं हुई है और अब तापमान भी 34-35 डिग्री तक पहुंच गया है। इससे इलायची की पैदावार एवं क्वालिटी पर प्रतिकूल असर पड़ने लगा है। कई इलाकों में वर्षा की सख्त आवश्यकता महसूस की जा रही है।
छोटी इलायची का दाम ऊपर चढ़ते हुए अब 2000 रुपए प्रति किलो की ऊंचाई पर पहुंच गया है जो मार्च के प्रथम सप्ताह में प्रचलित मूल्य 1300-1400 रुपए प्रति किलो से काफी ऊंचा है।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार प्रतिकूल मौसम से फसल बुरी तरह प्रभावित हो रही है और प्रत्येक गुजरते दिन के साथ इसकी स्थिति बिगड़ती जा रही है। इलायची की लताओं में फूल, कलियां एवं दाना लगने की गति काफी धीमी हो गई है जबकि कई क्षेत्रों में लताओं के सूखने का खतरा पैदा हो गया है।
पहले बागान मालिकों के पास जमीन की सिंचाई के लिए अपने जल स्रोत या संसाधन होते थे लेकिन बारिश की कमी एवं भीषण गर्मी के कारण जमीन का पानी सूख गया है और भूमिगत जल स्तर भी घटकर काफी नीचे चला गया है।
जुलाई-अगस्त में इलायची के नए माल की तुड़ाई-तैयारी एवं आवक जोर पकड़ने लगती है। सामान्य उत्पादन के लिए कम से कम वहां दो दिनों तक लगातार बारिश होना आवश्यक है।
प्रमुख उत्पादक एवं व्यापारियों के पास इलायची का स्टॉक बचा हुआ है और उसे बढ़ते बाजार भाव से फायदा भी होने लगा है जबकि छोटे एवं मध्यम श्रेणी के अधिकांश उत्पादक अपना स्टॉक पहले ही नीचे दाम पर बेच चुके हैं।
छोटे-छोटे व्यापारियों के पास इलायची का ज्यादा स्टॉक नहीं है। अब तक करीब 20 प्रतिशत फसल के क्षतिग्रस्त होने की सूचना मिल रही है। यदि आगामी समय में अच्छी बारिश नहीं हुई तो इलायची के उत्पादन में गिरावट आने की आशंका और बढ़ जाएगी।
रमजान के बाद खाड़ी क्षेत्रों के देशों में इलायची की मांग कमजोर पड़ गई है। उधर ग्वाटेमाला में भयंकर सूखा पड़ने से छोटी इलायची के उत्पादन में भारी गिरावट आने की आशंका है जिससे वहां भाव तेज हो गया है।
क्वालिटी को देखते हुए अब ग्वाटेमाला और भारत की इलयाची के दाम में ज्यादा अंतर नहीं देखा जा रहा है। पिछले सीजन के दौरान ग्वाटेमाला में करीब 54 हजार टन इलायची का शानदार उत्पादन हुआ था जबकि चालू वर्ष में यह घटकर 30 हजार टन के आसपास सिमट जाने का अनुमान है।