iGrain India - मुम्बई । स्वदेशी वनस्पति तेल उद्योग एवं व्यापार क्षेत्र की एक अग्रणी कम्पनी का कहना है कि कमजोर भाव के कारण सूरजमुखी तेल का आयात बढ़ रहा है और आगे भी इसमें वृद्धि का सिलसिला जारी रहने की संभावना है।
कम्पनी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार अप्रैल से जून 2024 की तिमाही के दौरान देश में क्रूड सूरजमुखी तेल का आयात गत वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 43 प्रतिशत उछलकर 10.50 लाख टन तक पहुंच जाने का अनुमान है।
एक शीर्ष उद्योग संगठन- सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सी) के आंकड़ों से पता चलता है कि चालू मार्केटिंग सीजन के शुरूआती चार महीनों में यानी नवम्बर 2023 से मार्च 2024 के दौरान देश में सूरजमुखी तेल का आयात बढ़कर 13.50 लाख टन पर पहुंच गया जो पिछले सीजन की समान अवधि के आयात से करीब 21 प्रतिशत अधिक है।
यदि दोनों आंकड़ों को जोड़ दिया जाए तो नवम्बर 2023 से जून 2024 के आठ माह में सूरजमुखी तेल का कुल आयात 24 लाख टन पर पहुंच सकता है। 'सी' के आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2024 में भारतीय बंदरगाहों तक पहुंच के लिए औसत आयात मूल्य क्रूड सूरजमुखी तेल का 964 डॉलर प्रति टन,
क्रूड सोयाबीन तेल का 995 डॉलर प्रति टन, क्रूड पाम तेल का 1018 डॉलर प्रति टन तथा आरबीडी पामोलीन का 988 डॉलर प्रति टन रहा। इधर उपभोक्ता मामले विभाग के आंकड़ों से ज्ञात होता है कि घरेलू बाजार में सूरजमुखी तेल का मासिक औसत खुदरा मूल्य-जनवरी में 139.01 रुपए प्रति किलो, फरवरी में 138.37 रुपए प्रति किलो तथा मार्च में 137.88 रुपए प्रति किलो रहा।
व्यापार विश्लेषकों के मुताबिक गैर परम्परागत खपत केन्द्रों में सूरजमुखी तेल की मांग तेजी से बढ़ रही है। पाम तेल के महंगा होने से वहां उपभोक्ता सूरजमुखी तेल की ओर आकर्षित होते जा रहे हैं।
फरवरी से ही पाम तेल एवं सूरजमुखी तेल के बीच मूल्यान्तर 20 से 40 डॉलर प्रति टन के बीच बना हुआ है। मलेशिया में पाम तेल का बकाया अधिशेष स्टॉक घटकर 10 माह के निचले स्तर पर आने से इसका भाव ऊंचा एवं तेज हो गया।