iGrain India - नई दिल्ली । देश के अधिकांश राज्यों में पारा 30-35 डिग्री या उससे ऊपर पहुंचने तथा लोकसभा चुनाव के लिए सरगर्मी काफी बढ़ जाने से चीनी की मांग एवं खपत में तेजी से इजाफा हो रहा है। इसकी औद्योगिक खपत बढ़ती जा रही है जिससे कीमतों पर सकारात्मक असर पड़ रहा है।
शीतल पेय पदार्थ बनाने वाली कंपनियों के साथ-साथ आइस क्रीम निर्माताओं द्वारा भी चीनी की अच्छी खरीद की जा रही है। चीनी के उत्पादन का सीजन अगले महीने समाप्त होने वाला है।
दिलचस्प तथ्य यह है कि सरकार ने अप्रैल माह के लिए 25 लाख टन चीनी का विशाल फ्री सेल (NS:SAIL) कोटा घोषित किया है जो मार्च के लिए नियत कोटा 23.50 लाख टन से 1.50 लाख टन तथा फरवरी के लिए निर्धारित कोटा 22 लाख टन से 3 लाख टन ज्यादा है।
फरवरी की तुलन में अप्रैल इस बार केवल एक दिन बड़ा है जबकि मार्च के मुकाबले एक दिन छोटा है। समझा जा रहा था कि 25 लाख टन के विशालकाय कोटे की वजह से अप्रैल में चीनी के घरेलू बाजार मूल्य पर दबाव बरकरार रहेगा लेकिन चालू माह के दूसरे सप्ताह से ही इस मीठी वस्तु की मांग एवं खपत तेजी से बढ़ने लगी जिससे कीमतों में तेजी-मजबूती का माहौल बन गया।
मौसम विभाग ने इस वर्ष अप्रैल-जून की तिमाही के दौरान देश के अनेक राज्यों में भीषण गर्मी पड़ने की आशंका व्यक्त की थी जो सही साबित हो रही है। वैसे भी गर्मी के सीजन में आमतौर पर मध्य मार्च से जून तक चीनी की भारी मांग रहती है। इस बार चुनाव के कारण भी चीनी की मांग बढ़ रही है।
उद्योग समीक्षकों के मुताबिक इस बार चीनी की घरेलू मांग सामान्य औसत से अधिक देखी जा रही है। राष्ट्रीय स्तर पर 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन में 285-290 लाख टन चीनी की खपत होने का अनुमान लगाया गया है।
चीनी का निर्यात बंद है फिर भी घरेलू बाजार भाव ऊंचे स्तर पर बरकरार है। आगामी समय के दौरान भी इसमें ज्यादा नरमी आने की संभावना नहीं है।