iGrain India - मुम्बई । केन्द्र सरकार ने पीली मटर के शुल्क मुक्त एवं शर्त रहित आयात की समय सीमा 30 जून 2024 तक बढ़ा दी है। हालांकि यह अफवाह फैली हुई है कि सरकारी हरी मटर के आयात की स्वीकृति भी दे सकती है लेकिन फिलहाल सरकार की तरफ से कोई स्पष्ट संकेत सामने नहीं आया है।
उद्योग-व्यापार समीक्षकों के अनुसार भारतीय आयातकों द्वारा इस बार 30 जून 2024 तक के शिपमेंट के लिए लगभग 18.50 लाख टन पीली मटर के आयात का अनुबंध किया गया जिसमें से करीब 13 लाख टन माल मार्च के अंत तक भारतीय बंदरगाहों पर पहुंच गया।
कनाडा से करीब 10 लाख टन पीली मटर का आयात होने की उम्मीद है जबकि शेष माल का आयात रूस, यूक्रेन सहित कुछ अन्य देशों से किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि भारत में मटर का सर्वाधिक 31.70 लाख टन का आयात 2016-17 में किया गया था जब दलहनों के घरेलू उत्पादन में भारी कमी आ गई थी।
कुल आयात में से करीब 75 प्रतिशत पीली मटर का शिपमेंट पश्चिमी तट के पोर्ट- हजीरा, मूंदड़ा, जेएनपीटी तथा कांडला पर होने की संभावना है। घरेलू बाजार में पीली मटर का औसत मूल्य 4100 रुपए प्रति क्विंटल (455 डॉलर प्रति टन) तथा हरी मटर का औसत मूल्य 7300 रुपए प्रति क्विंटल (845 डॉलर प्रति टन) चल रहा था।
एक विश्लेषक ने पीली मटर का घरेलू उत्पादन 8 लाख टन के करीब होने की संभावना व्यक्त की है जो पूर्व में लगाए गए अनुमान 11 लाख टन से काफी कम है।
उधर केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने चना का घरेलू उत्पादन 2022-23 सीजन के 136.30 लाख टन से घटकर 2023-24 के वर्तमान सीजन में 121.61 लाख टन पर सिमट जाने का अनुमान लगाया है।
इपगा की रिपोर्ट के अनुसार नैफेड द्वारा इस बार 22 अप्रैल 2024 तक किसानों से केवल 758 टन चना खरीदा जा सका। अगले सप्ताह तक इसमें कुछ और मात्रा जुड़ सकती है।
सरकार ने बफर स्टॉक के लिए 13 से 16 लाख टन के बीच चना खरीदने का लक्ष्य रखा है। चना का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5440 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित है जबकि मटर के लिए समर्थन मूल्य की घोषणा नहीं होती है। सरकार संभवतः पीली मटर की खरीद भी प्रचलित बाजार मूल्य पर कर सकती है।