iGrain India - नई दिल्ली । आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वर्ष के दौरान ग्रीष्मकालीन या जायद फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र 26 अप्रैल तक बढ़कर 68.17 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 64.38 लाख हेक्टेयर से 3.79 लाख हेक्टेयर अधिक है। समीक्षाधीन अवधि के दौरान धान के साथ-साथ दलहनों, मोटे अनाजों एवं तिलहनों के रकबे में भी इजाफा हुआ।
राष्ट्रीय स्तर पर 2023 के मुकाबले 2024 के जायद सीजन में धान का उत्पादन क्षेत्र 27.43 लाख हेक्टेयर से उछलकर 29.87 लाख हेक्टेयर, दलहनों का बिजाई क्षेत्र 16.18 लाख हेक्टेयर तथा मोटे अनाजों का क्षेत्रफल 11.05 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 11.91 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
दलहन फसलों में मूंग का उत्पादन क्षेत्र 12.88 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 13.30 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा मगर उड़द का बिजाई क्षेत्र 3.09 लाख हेक्टेयर से गिरकर 2.85 लाख हेक्टेयर तथा अन्य दलहनों का क्षेत्रफल 29 हजार हेक्टेयर से फिसलकर 23 हजार हेक्टेयर रह गया।
मोटे अनाजों के संवर्ग में मक्का का रकबा 6.21 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 6.75 लाख हेक्टेयर, बाजरा का बिजाई क्षेत्र 4.45 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 4.64 लाख हेक्टेयर तथा ज्वार का क्षेत्रफल 22 हजार हेक्टेयर से सुधरकर 38 हजार हेक्टेयर पर पहुंच गया लेकिन रागी का रकबा 18 हजार हेक्टेयर से गिरकर 13 हजार हेक्टेयर पर सिमट गया।
जहां तक तिलहन फसलों का सवाल है तो गत वर्ष के मुकाबले इस बार मूंगफली का उत्पादन क्षेत्र 4.57 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 4.61 लाख हेक्टेयर, तिल का बिजाई क्षेत्र 4.58 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 4.82 लाख हेक्टेयर तथा सूरजमुखी का क्षेत्रफल 30 हजार हेक्टेयर से सुधरकर 33 हजार हेक्टेयर पर पहुंचा। अन्य तिलहनों का रकबा लगभग बराबर रहा।