iGrain India - नई दिल्ली । सहकारी चीनी मिलों के शीर्ष संगठन- नेशनल फेडरेशन ऑफ को ऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज ने एथनॉल निर्माण के लिए सरकार द्वारा 7 लाख टन की हैवी शीरा के अधिशेष स्टॉक की अनुमति देने के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे न केवल अधिक मात्रा में एथनॉल का उत्पादन करने में सहायता मिलेगी बल्कि चीनी मिलों की वित्तीय स्थिति में भी सुधार संभव हो सकेगा।
उल्लेखनीय है कि चीनी मिलों के पास बी हैवी शीरा का अधिशेष स्टॉक मौजूद है जिसका उत्पादन 7 दिसम्बर 2023 को एथनॉल निर्माण में इसके उपयोग पर प्रतिबंध लगाए जाने से पूर्व हुआ था।
उद्योग बार-बार सरकार से एथनॉल उत्पादन में इसका इस्तेमाल करने की स्वीकृत देने का आग्रह कर रहा था मगर सरकार पहले चीनी उत्पादन की स्थिति देखना चाहती थी। अब उत्पादन के आंकड़ों से संतुष्ट के बाद एथनॉल निर्माण में इस अधिशेष शीरा के उपयोग की मंजूरी दी गई है।
उल्लेखनीय है कि बाद में सरकार ने 2023-24 के सम्पूर्ण मार्केटिंग सीजन (नवम्बर-अक्टूबर) के लिए एथनॉल निर्माण में 17 लाख टन चीनी के समतुल्य गन्ना के उपयोग की स्वीकृति दी थी मगर चीनी मिलों ने इसमें उस 7 लाख टन बी हैवी शीरा को शामिल नहीं किया क्योंकि उसके बारे में सरकार ने कोई स्पष्ट घोषणा नहीं की थी।
अब 24 अप्रैल को केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय ने लगभग 7 लाख टन बी हैवी शिरा का उपयोग एथनॉल उत्पादन में करने की स्वीकृति प्रदान कर दी।
इस निर्णय से चीनी मिलों को भारी राहत मिलेगी और तकरीबन 700 करोड़ रुपए मूल्य का जो शीरा अटका हुआ था उसका उपयोग करने का अवसर मिल जाएगा।
खाद्य मंत्रालय की सलाह पर पेट्रोलियम कम्पनियों ने खास-खास डिस्टीलरीज को एथनॉल के अतिरिक्त आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।