iGrain India - लॉस बेगास । पिछले सप्ताह उत्तरी अमरीका महाद्वीप के प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देशों में मसूर के बाजार में मिश्रित रुख देखा गया। हालांकि उत्पादकों के पास बाजार की जरूरतों को पूरा करने लायक मसूर का स्टॉक उपलब्ध नहीं है लेकिन खरीदारों की सक्रियता भी सीमित देखी जा रही है।
लाल मसूर का दाम हरी मसूर की तुलना में कम चंचल है लेकिन फिर भी दोनों संवर्ग की मसूर के दाम में अंतर ज्यादा नहीं बढ़ा है बल्कि गत सप्ताह इसमें कुछ कमी ही आई। हरी मसूर का भाव थोड़ा नरम देखा गया जबकि लाल मसूर की कीमतों में मामूली मजबूती दर्ज की गई।
भारतीय मांग की गहराई के बारे में फिलहाल निश्चितता कम देखी जा रही है। छह माह पूर्व भारत में मसूर के जोरदार आयात की उम्मीद व्यक्त की जा रही थी और फिर दिसम्बर 2023 में पीली मटर के आयात की समयसीमा भी जून तक बढ़ाई गई।
जहां तक काबुली चना का सवाल है तो सीजन भी हल्के कारोबार के बीच गत सप्ताह इसका भाव लगभग स्थिर बना रहा। कुछ निर्यातकों द्वारा तात्कालिक शिपिंग दायित्व की कवरिंग के लिए थोड़ी बहुत मात्रा में काबुली चना की खरीद की गई। भारत में लगातार यह चर्चा हो रही है कि सरकार चना पर आयात शुल्क में कटौती कर सकती है।