iGrain India - नई दिल्ली। देश के सभी प्रमुख उत्पादक राज्यों में नए गेहूं की आवक शुरू हो चुकी है और पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश तथा राजस्थान जैसे प्रांतों में इसकी सरकारी खरीद जोर पकड़ने लगी है। लेकिन गेहूं की सरकारी खरीद गत वर्ष से काफी पीछे चल रही है। देश के सबसे बड़े उत्पादक राज्य- उत्तर प्रदेश में व्यापारियों को अभी गेहूं की खरीद से दूर रहने के लिए कहा गया है जबकि फ्लोर मिलर्स को सीमित मात्रा में इसकी खरीद की अनुमति दी गई है। मध्य प्रदेश और राजस्थान में किसानों को 2400 रुपए प्रति क्विंटल का मूल्य दिया जा रहा है। पंजाब-हरियाणा में कुछ व्यापारिक फर्में गेहूं की खरीद कर रही है। 20 से 26 अप्रैल वाले सप्ताह के दौरान विभिन्न राज्यों की प्रमुख मंडियों में गेहूं के दाम में 25-50 रुपए प्रति क्विंटल का उतार-चढ़ाव देखा गया।
दिल्ली
दिल्ली में उत्तर प्रदेश (यूपी) तथा राजस्थान के गेहूं का भाव 2450/2470 रुपए प्रति क्विंटल के पिचले स्तर पर बरकरार रहा। गुजरात के गोंडल में भी कोई बदलाव नहीं हुआ मगर राजकोट में 50 रुपए की नरमी रही।
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश की बेंचमार्क इंदौर मंडी में गेहूं का मूल्य 50 रुपए सुधरकर 2300/3150 रुपए प्रति क्विंटल, डबरा में 75 रुपए बढ़कर 2375/2475 रुपए प्रति क्विंटल तथा खंडवा में 100 रुपए उछलकर 2400/2700 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया। देवास, उज्जैन, भोपाल एवं इटारसी में गेहूं का दाम लगभग स्थिर रहा। इटारसी में 15 रुपए तेज देखा गया।
राजस्थान
राजस्थान में गेहूं के दाम में कोटा और बूंदी मंडी में ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं देखा गया मगर बारां मंडी में 25 रुपए का सुधार आया। ध्यान देने की बात है कि राजस्थान की मंडियों में गेहूं की भारी आवक हो रही है मगर इसके एक बड़े भाग की क्वालिटी हल्की बताई जा रही है। यह समस्या कुछ अन्य राज्यों के साथ भी है।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश भारत का सबसे प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्य है। वहां इस खाद्यान्न की सरकारी खरीद में अभी तक भारी इजाफा हुआ है। पिछले साल 26 अप्रैल तक राज्य में एक लाख टन से कम गेहूं खरीदा गया था जो इस बार बढ़कर 4 लाख टन से ऊपर पहुंच गया। वहां समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान शाहजहांपुर को छोड़कर अन्य प्रमुख मंडियों में गेहूं के दाम में 20-40 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी रही जबकि गोरखपुर में यह 50 रुपए तेज हुआ।