iGrain India - भटिंडा । पंजाब में 2023-24 सीजन के दौरान कपास का बिजाई क्षेत्र घटकर अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गया मगर फिर भी वहां 2022-23 सीजन के मुकाबले इस रेशेदार फसल के उत्पादन में उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी।
समीक्षाधीन अवधि के दौरान वहां कपास के क्षेत्रफल में करीब 80 हजार हेक्टेयर की गिरावट आई मगर रूई की प्रति हेक्टेयर औसत उत्पादकता दर में भारी बढ़ोत्तरी होने से कुल उत्पादन में इजाफा हो गया।
कॉटन एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया तथा केन्द्रीय कपड़ा मंत्रालय के अधीनस्थ वस्त्र आयुक्त कार्यालय से प्राप्त आकड़ों से पता चलता है कि 31 मार्च 2024 तक पंजाब में कुल 59,500 टन कपास का उत्पादन हुआ जो 3.50 लाख गांठ प्रेस्ड रूई के समतुल्य है। पिछले साल की समानअवधि में वहां 46,740 टन कपास (2.75 लाख गांठ रुई) का उत्पादन हुआ था। रूई की प्रत्येक गांठ 170 किलो की होती है।
एसोसिएशन के अनुसार पंजाब से कपास उत्पादन आकड़े में आगे कुछ और इजाफा होने की उम्मीद है। वहां आगामी महीनों में भी इसकी आवक होती रहेगी।
वस्त्र आयुक्त कार्यालय ने पंजाब में 2023-24 के सम्पूर्ण मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के दौरान रूई का कुल उत्पादन बढ़कर 4.89 लाख गांठ पर पहुंच जाने का अनुमान लगाया है जो 2022-23 सीजन के सकल उत्पादन 4.44 लाख गांठ से 45 हजार गांठ ज्यादा है।
वहां कपास का क्षेत्रफल 2.48 लाख हेक्टेयर से घटकर 1.69 लाख हेक्टेयर रह गया मगर औसत उपज दर बढ़कर 4.92 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के करीब पहुंच गयी।