iGrain India - मुम्बई । सहकारी चीनी मिलों के शीर्ष संगठन-नेशनल फेडरेशन ऑफ को ऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज के प्रबंध निदेशक ने कहा है कि सरकार ने पेट्रोल में 15 प्रतिशत एथनॉल के मिश्रण का जो लक्ष्य इस बार निर्धारित किया है उसे हासिल करने में देर हो सकती है।
वह लक्ष्य दिसम्बर 2024 तक प्राप्त होने की संभावना है जबकि तब तक नया मार्केटिंग सीजन शुरू हो चुका होगा। मौजूदा एथनॉल मार्केटिंग सीजन अक्टूबर में ही समाप्त हो जाएगा। सरकार ने वर्ष 2025-26 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल के मिश्रण का लक्ष्य नियत किया है जिसे प्राप्त करना कठिन लगता है।
उल्लेखनीय है कि क्रूड खनिज तेल के आयात पर निर्भरता घटने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार ने पेट्रोल में एथनॉल के मिश्रण का लक्ष्य 2023-24 सीजन के लिए 15 प्रतिशत, 2024-25 के लिए 18 प्रतिशत तथा 2025-26 के लिए 20 प्रतिशत निर्धारित कर रखा है। वर्तमान समय में करीब 12 प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्त हो रही है।
चालू मार्केटिंग सीजन के लिए जब सरकार ने एथनॉल निर्माण में चीनी के उपयोग को सीमित कर दिया था तब मिश्रण का लक्ष्य काफी दूर हो गया था मगर अब करीब 7 लाख टन बी हैवी शीरा के पुराने स्टॉक को इस्तेमाल एथनॉल उत्पादन में करने की मंजूरी दी गई है जो पूर्व में स्वीकृत 17 लाख टन चीनी से अलग है।
इसके फलस्वरूप एथनॉल का उत्पादन बढ़ने की संभावना है। इसके अलावा एथनॉल निर्माण में मक्का के उपयोग को प्रोत्साहित किया जा रहा है और स्वयं सरकार इसकी खरीद करके डिस्टीलर्स को उसकी आपूर्ति करने का प्रयास करेगी।
वैसे मक्का का घरेलू उत्पादन एवं बाजार भाव सरकारी खरीद के लिए अनुकूल रहने में संदेह है। 7 लाख टन बी हैवी शीरा करीब 3.25 लाख टन चीनी के समतुल्य है। 15 अप्रैल तक देश में करीब 311 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था।