iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय कृषि आयुक्त ने कहा है कि चालू वर्ष के दौरान गेहूं का घरेलू उत्पादन बढ़कर 1150 लाख टन से ऊपर पहुंच सकता है जो सरकार के दूसरे अग्रिम अनुमान 1120.20 लाख टन तथा नियत लक्ष्य 1140 लाख टन से भी ज्यादा है।
इसका प्रमुख कारण गेहूं की उपज दर में 4-5 प्रतिशत का इजाफा होना है। लेकिन पंजाब-हरियाणा को छोड़कर अन्य राज्यों में प्लान के मुताबिक गेहूं की खरीद नहीं हो रही है क्योंकि प्राइवेट व्यापारिक फर्में गेहूं खरीदने में भारी सक्रियता दिखा रही हैं।
2022-23 के रबी सीजन में सरकार ने 1105.50 लाख टन गेहूं का घरेलू उत्पादन आंका था। कृषि आयुक्त के अनुसार पंजाब, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश में इस वर्ष गेहूं की औसत उपज दर 26-32 क्विंटल प्रति एकड़ (6.50-8.00 टन प्रति हेक्टेयर) के बीच रहने की खबर आ रही है।
पंजाब में फसल कटाई की गति इस बार धीमी है जबकि हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात एवं महाराष्ट्र एवं गेहूं की कटाई या तो पूरी हो चुकी है या अंतिम चरण में पहुंच गई है।
उधर करनाल स्थित संस्थान- भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान के डायेक्टर का कहना है कि पहले कुछ प्रगतिशील किसान ही गेहूं की ऊंची उपज दर हासिल कर पाते थे मगर इस बार ऐसे किसानों की संख्या काफी बढ़ गई।
इसके लिए चार-पांच सकारात्मक कारकों का योगदान रहा। पंजाब में औसत उपज दर में 7.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की वृद्धि होने की खबर है जिससे यह 5.3 टन प्रति हेक्टेयर के करीब पहुंच गई।
अन्य राज्यों का विवरण अभी सामने नहीं आया है लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि राष्ट्रीय स्तर पर गेहूं का कुल उत्पादन 1150 लाख टन की सीमा को पार कर जाएगा। इस बार गेहूं का बिजाई क्षेत्र कुछ बढ़ा और फसल रोगों-कीड़ों का कोई प्रकोप भी नहीं देखा गया।