iGrain India - मुम्बई । मौसम की प्रतिकूल स्थिति एवं जैव ईंधन की नीति जैसे कारकों का असर खाद्य तेलों के वैश्विक बाजार मूल्य पर पड़ने की आशंका बढ़ती जा रही है। अमरीका एवं ब्राजील म गर्म मौसम के बीच बारिश का अभाव देखा जा रहा है।
अमरीका में सोयाबीन की बिजाई इससे प्रभावित हो सकती है। ब्राजील में सोयाबीन की बिजाई सितम्बर में आरंभ होगी मगर वहां 2023-24 के सीजन में इसका उत्पादन उम्मीद से बहुत कम हुआ। अर्जेन्टीना में इस बार फसल अच्छी रही।
उधर काला सागर क्षेत्र और खासकर रूस तथा यूक्रेन में वर्षा के अभाव एवं ऊंचे तापमान से सूरजमुखी की फसल को हानि होने की संभावना है जबकि दक्षिण-पूर्व एशिया में भी मौसम अनुकूल नहीं है।
थाईलैंड के कई भागों में तापमान 40 डिग्री से ऊपर पहुंच गया है और इंडोनेशिया तथा मलेशिया जैसे शीर्ष उत्पादक एवं निर्यातक देशों में पाम तेल के उत्पादन में अपेक्षित बढ़ोत्तरी नहीं हुई है जबकि इसका बकाया अधिशेष स्टॉक घटकर काफी नीचे आ गया है। इंडोनेशिया में जैव ईंधन के निर्माण में 30 प्रतिशत पाम तेल का उपयोग करना अनिवार्य बना दिया गया है।
भारत दुनिया में खाद्य तेलों का सबसे प्रमुख आयातक देश है। यहां मुख्यत: क्रूड पाम तेल, आरबीडी पामोलीन, क्रूड डिगम्ड सोयाबीन तेल तथा क्रूड सूरजमुखी तेल का आयात होता है जबकि थोड़ी-बहुत मात्रा में क्रूड पाम कर्नेल तेल भी मंगाया जाता है।
पिछले दो-तीन महीनों से सूरजमुखी तेल के आयात में अच्छी बढ़ोत्तरी हो रही है जबकि घरेलू बाजार में खाद्य तेलों का भाव काफी हद तक स्थिर बना हुआ है।