iGrain India - नई दिल्ली । कनाडा, रूस एवं यूक्रेन सहित कई अन्य क्षेत्रों से भारत में विशाल मात्रा में शुल्क मुक्त पीली मटर का आयात हो रहा है लेकिन घरेलू बाजार में चना, अरहर एवं उड़द जैसे दलहनों के दाम पर इसका कोई खास असर नहीं देखा जा रहा है।
सरकार की आशंका है कि आयातित दलहन (पीली मटर) की पूरी मात्रा घरेलू बाजार में नहीं पहुंच रही है। इसलिए आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति में अपेक्षित सुधार नहीं हो रहा है और न ही कीमतों में उम्मीद के अनुरूप नरमी आ रही है।
वरिष्ठ आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सरकार ने दाल-दलहनों की आपूर्ति बढ़ाने एवं कीमतों में तेजी पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से दिसम्बर 2023 में पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दी थी।
पहले इसकी समय सीमा 31 मार्च 2024 नियत की गई जिसे बढ़ाकर 30 अप्रैल और फिर 30 जून निर्धारित की गई। लेकिन आयत की अनुमति को करीब चार माह होने के बावजूद दलहनों के बाजार भाव में कोई नरमी नहीं आई। यहां तक कि चना का दाम भी नीचे नहीं आयात जबकि पीली के आयात का सबसे ज्यादा असर चना पर ही पड़ने की उम्मीद की जा रही थी।
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने चना का घरेलू उत्पादन घटकर 2023-24 के रबी सीजन में करीब 121 लाख टन रह जाने का अनुमान लगाया है जो उद्योग- व्यापार क्षेत्र के अनुमान से काफी अधिक है।
हालांकि तुवर का उत्पादन अनुमान 34.20 लाख टन से घटाकर 33.30 लाख टन नियत किया गया जो 2022-23 सीजन के लगभग बराबर है मगर उड़द का उत्पादन पिछले सीजन के 18 लाख टन से घटकर 2023-24 में 15 लाख टन रह जाने की संभावना व्यक्त की गई। मूंग का उत्पादन भी घटने की संभावना है।