iGrain India - नई दिल्ली । हालांकि राष्ट्रीय स्तर पर गेहूं की कुल सरकारी खरीद अब तक 186 लाख टन से ऊपर पहुंच चुकी है जो विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक मात्रा 186 लाख टन से 10 लाख टन ज्यादा है लेकिन पिछले साल की समान अवधि की खरीद 219.50 लाख टन से 11 प्रतिशत कम है।
गेहूं की खरीद सभी प्रमुख उत्पादक राज्यों- उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान एवं बिहार आदि में जारी है। ज्ञात हो कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत अनेक कल्याणकारी स्कीम के लिए गेहूं की आपूर्ति करनी पड़ती है जिसमें प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना सबसे प्रमुख है।
केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय ने चालू रबी मार्केटिंग सीजन के दौरान 372.90 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया है और इसे हासिल करने का हर संभव प्रयास भी जारी है। पिछले साल कुल मिलाकर 262 लाख टन गेहूं खरीदा गया था जबकि लक्ष्य 341.50 लाख टन का रखा गया था।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के सीएमडी का कहना है कि पंजाब तथा मध्य प्रदेश में गेहूं की खरीद गत वर्ष से पीछे चल रही है जबकि ये दो राज्य केन्द्रीय पूल में इस अनाज का सर्वाधिक योगदान देते हैं। अन्य राज्यों में खरीद की स्थिति बेहतर है।
गेहूं की निर्बाध खरीद की प्रक्रिया सभी राज्यों में जारी है। पंजाब और हरियाणा में गेहूं की अच्छी आवक हो रही है और खरीद का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में एजेंसियां आगे बढ़ रही हैं। भारतीय खाद्य निगम को इन दो राज्यों में लगभग 200 लाख टन गेहूं खरीदने में सफलता मिल जाएगी।
ध्यान देने की बात है कि गेहूं की सर्वाधिक खरीद अप्रैल-मई के दो महीनों में होती है। अप्रैल का महीना समाप्त हो चुका है और कुल खरीद 200 लाख टन से पीछे है। अब मई की खरीद पर सबका ध्यान केन्द्रित है।
सरकार की चिंता मध्य प्रदेश को लेकर है जहां 80 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य रखा गया है मगर वास्तविक खरीद इसके आधे भाग तक भी नहीं पहुंच पाई है। पंजाब में लेट कटाई के कारण गेहूं की खरीद पीछे है।