iGrain India - जकार्ता । इंडोनेशिया से फरवरी 2024 में पाम तेल का कुल निर्यात घटकर 21.70 लाख टन पर सिमट गया जो फरवरी 2023 के शिपमेंट से 25.6 प्रतिशत कम था।
इंडोनेशियाई पाम ऑयल एसोसिएशन (गापकी) की रिपोर्ट के अनुसार फरवरी माह के दौरान देश में क्रूड पाम तेल (सीपीओ) का कुल उत्पादन बढ़कर 38.80 लाख टन पर पहुंचा जबकि माह के अंत में पाम तेल का कुल स्टॉक भी बढ़कर 32.60 लाख टन पर पहुंच गया।
उल्लेखनीय है कि इंडोनेशिया दुनिया में पाम तेल का सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यात देश है और भारत, चीन तथा यूरोपीय संघ इसके तीन शीर्ष खरीदार हैं।
गापकी के मुताबिक चालू वर्ष के शुरूआती दो महीनों के दौरान पाम तेल को अन्य खाद्य तेलों और खासकर सूरजमुखी तेल, सोयाबीन तेल तथा रेपसीड तेल की सख्त प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा जिससे भारत जैसे महत्वपूर्ण बाजार में इसका निर्यात प्रभावित हुआ।
गापकी के प्रधान का कहना है कि यदि प्रतिद्वंदी खाद्य तेल सस्ता होगा तो आयातक स्वाभाविक रूप से उसकी तरफ आकर्षित हो जाएंगे। आरंभिक दो महीनों में ऐसा ही हुआ।
इतना ही नहीं बल्कि मार्च में भी भारत में पाम तेल के आयात में कमी हुई जबकि सूरजमुखी तेल तथा सोयाबीन तेल का आयात बढ़ गया। मलेशिया में सीपीओ का वायदा कम ऊंचा एवं तेज हो गया है जबकि वह बेंचमार्क मूल्य होता है और इंडोनेशिया के उत्पादक तथा निर्यातक उसके आधार पर ही अपने पाम तेल का मूल्य निर्धारित करते हैं। भारत में पाम तेल का सर्वाधिक आयात इंडोनेशिया से ही होता है।
मलेशिया और इंडोनेशिया में क्रूड पाम तेल के उत्पादन में बढ़ोत्तरी का सीजन आरंभ हो गया है। इंडोनेशिया में जैव ईंधन (बायो फ्यूल) के निर्माण में 30 प्रतिशत पाम तेल का उपयोग करना अनिवार्य बना दिया गया है।