iGrain India - कोलकाता । भीषण गर्मी तथा हीट वेव की स्थिति रबी कालीन धान की फसल के लिए वरदान साबित हो रही हैं। फसल की कटाई-तैयारी आरंभ हो चुकी है और इसकी क्वालिटी काफी अच्छी बताई जा रही है।
इसमें नमी का अंश काफी घट गया है जिससे व्यापारी एवं राइस मिलर्स लम्बे समय तक इसे भंडारित रख सकते हैं। अच्छी क्वालिटी के बावजूद मंडियों में बढ़ती आवक के कारण धान का भाव खरीद सीजन की तुलना में करीब 10 प्रतिशत नीचे चल रहा है।
लेकिन भीषण गर्मी से राज्य (पश्चिम बंगाल) में राइस ब्रान तेल का उत्पादन प्रभावित हो रहा है क्योंकि मिलों को श्रमिक नहीं मिल रहे हैं। चूंकि राइस ब्रान का एक्सट्रैक्शन जल्दी करना पड़ता है तभी उससे तेल का अच्छा उत्पादन होता है इसलिए मिलर्स को श्रमिकों को पहले से तैयार रखना पड़ता है।
रबी कालीन धान का उत्पादन क्षेत्र राष्ट्रीय स्तर पर गत वर्ष के 40.37 लाख हेक्टेयर से घटकर इस बार 39.29 लाख हेक्टेयर रह गया। कृषि मंत्रालय ने चावल का उत्पादन 123.57 लाख टन होने का अनुमान लगाया है।
वैसे इस बार धान की उपज दर कुछ ऊंची देखी जा रही है और इसकी मिलिंग से चावल में टूट की मात्रा कम रहने की संभावना है। धान या चावल को सूखाने के लिए कृत्रिम ड्रायर की जरूरत नहीं पड़ेगी।
इस चावल को लम्बे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है। ज्यादा टूटे चावल की मांग शहरी क्षेत्रों में बहुत कम रहती है और सरकार ने इसके निर्यात पर प्रतिबंध भी लगा रखा है। लेकिन मिलर्स को इस बार ज्यादा चिंता नहीं है।