iGrain India - सस्काटून। एक अग्रणी विश्लेषक फर्म का कहना है कि सामान्य जैव ईंधन (बायो फ्यूल) के मुकाबले सस्टैनैबल एविएशन फ्यूल (एस ए एफ) के निर्माण में वनस्पति तेलों की मांग एवं खपत तेजी से बढ़ सकती है। अगले दो दशकों के दौरान एस ए एफ ही वनस्पति तेल बाजार का मुख्य ड्राइवर बना रहेगा।
वर्ष 2022 में अमरीका सरकार ने वर्ष 2030 तक एस ए एफ का उत्पादन बढ़ाकर तीन विलियन गैलन तक पहुंचने का लक्ष्य निर्धारित किया था। इससे वनस्पति तेल का भाव ऊंचा रहने की सम्भावना है।
विश्लेषक के मुताबिक बड़ा सवाल यह है कि क्या अमरीका अपने इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने में सफल हो जायेगा। वहां जैव ईंधन में सोया तेल की अच्छी खपत होती है जबकि आगामी वर्षो में एस ए एफ का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जायेगा जिससे सोया तेल की मांग और भी तेजी से बढ़ेगी।
इसके लिए वहां सोयाबीन की उत्पादन में भारी इजाफा होना आवश्यक है अमरीका के एनर्जी इन्फोर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2023 के दौरान देश में 140 मिलियन गैलन एस ए एफ का उत्पादन हुआ जबकि विश्लेषक कर्ण ने वर्ष 2024 में उत्पादन बढ़ाकर 1240 लाख गैलन पर पहुंचने का अनुमान लगाया है।
लेकिन इस आंकड़े तक पहुंचने के लिए अमरीका को वर्ष 2030 में प्रतिमाह औसतन 250 मिलियन गैलन ईंधन का उत्पादन करना पड़ेगा। जो वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए मुश्किल लगता है अभी उत्पादन इस लक्ष्य की प्राप्ति के दृष्टिकोण से बहुत पीछे है।
एक और खास बात यह है कि यूस्ड कुकिंग ऑयल तथा टैलो जैसे अन्य श्रेणी के फीड स्टॉक पर अमरीका में भारी आर्थिक प्रोत्साहन दिया जा रहा है।