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मार्च-अप्रैल के दो महीनों में 27 लाख टन सरसों की आवक का अनुमान

प्रकाशित 03/05/2024, 12:22 am
मार्च-अप्रैल के दो महीनों में 27 लाख टन सरसों की आवक का अनुमान

iGrain India - जयपुर । शानदार उत्पादन के कारण कमजोर भाव के बावजूद वर्तमान रबी मार्केटिंग सीजन के दौरान प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में सरसों की भारी आवक हो रही है।

व्यापारियों एवं तेल मिलर्स के साथ-साथ अब हैफेड एवं नैफेड जैसी सरकारी एजेंसियों द्वारा भी इस महत्वपूर्ण तिलहन की खरीद अच्छी मात्रा में की जा रही है। वैसे मार्च के मुकाबले अप्रैल में सरसों की आवक करीब 20 प्रतिशत घट गई। 

जयपुर (राजस्थान) के चांदपोल के अनाज मंडी में अवस्थित मशहूर एवं लोकप्रिय प्रतिष्ठान- मरुधर ट्रेडिंग एजेंसी के सीएमडी अनिल चतर द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार चालू रबी मार्केटिंग सीजन के शुरूआती दो महीनों में राष्ट्रीय स्तर पर कुल 27 लाख टन सरसों की आवक हुई जिसमें मार्च की आवक 15.50 लाख टन तथा अप्रैल की आपूर्ति 11.50 लाख टन शामिल है।

इसमें से 22 लाख टन सरसों की क्रशिंग होने का अनुमान है। एजेंसी के अनुसार मार्च में 13 लाख टन एवं अप्रैल में 9 हजार टन सरसों की क्रशिंग हुई। इसके अलावा सरकारी क्रय केन्द्रों पर 18.90 लाख टन सरसों की अतिरिक्त आवक हुई जबकि नैफेड / हैफेड के पास पहले से ही 7.50 लाख टन का बकाया स्टॉक मौजूद था। इस तरह सरसों का सरकारी स्टॉक बढ़कर 27.40 लाख टन पर पहुंच गया जबकि सरसों की कुल आवक भी 40.90 लाख टन पर पहुंच गई। 

मरुधर ट्रेडिंग एजेंसी के अनुसार उद्योग-व्यापार संगठनों द्वारा 2023-24 सीजन के दौरान 123 लाख टन सरसों के रिकॉर्ड उत्पादन का अनुमान लगाया गया है।

इसके तहत राजस्थान में 53 लाख टन, उत्तर प्रदेश में 18 लाख टन, मध्य प्रदेश में 16 लाख टन, हरियाणा / पंजाब में 12 लाख टन, गुजरात में 5 लाख टन तथा बंगाल-बिहार सहित अन्य राज्यों में 19 लाख टन सरसों का उत्पादन आंका गया।

1 मार्च 2024 को सरकारी एजेंसियों के पास 7.50 लाख टन एवं अन्य पक्षों के पास 4.50 लाख टन सहित कुल 12 लाख टन सरसों का पिछला बकाया स्टॉक मौजूद था जिससे इसकी कुल उपलब्धता बढ़कर 135 लाख टन पर पहुंची। फरवरी में 7 लाख टन की आवक को घटाने से कुल उपलब्धता 128 लाख टन आंकी जा रही है।  

इस तरह 1 मई 2024 को किसानों के पास 79.60 लाख टन, स्टॉकिस्टों-मिलर्स के पास 5 लाख टन एवं सरकारी एजेंसियों के पास 21.40 लाख टन के साथ देश में कुल 106 लाख टन सरसों का स्टॉक बचा हुआ था।

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