iGrain India - लुधियाना । केन्द्रीय पूल में खाद्यान्न का सर्वाधिक योगदान देने वाले राज्य- पंजाब में इस बार गेहूं को सरकारी खरीद पीछे चल रही है जबकि व्यापारिक खरीद में इजाफा हो रहा है।
पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले चालू वर्ष के दौरान पंजाब में गेहूं की व्यापारिक खरीद में अब तक 47 प्रतिशत की भारी वृद्धि हो चुकी है। चालू मार्केटिंग सीजन के अंत तक इसका सिलसिला बरकरार रहने की संभावना है।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार इस बार 1 मई 2024 तक पंजाब की मंडियों में कुल 109.57 लाख टन गेहूं की आवक हुई जो पिछले वर्ष की समान अवधि की आवक 113.77 लाख टन से कम थी।
इसमें से 101.51 लाख टन की खरीद सरकारी एजेंसियों तथा 6.18 लाख टन की फरीद प्राइवेट फर्मों द्वारा की गई। इस तरह कुल खरीद 107.69 लाख टन तक पहुंच सकी। प्राइवेट खरीदारों में फ्लोर मिलर्स / प्रोसेसर्स तथा व्यापारी / स्टॉकिस्ट आदि शामिल हैं।
पिछले साल की समान अवधि में इन खरीदारों को 4.19 लाख टन ही गेहूं खरीदने का अवसर मिल पाया था जबकि मंडियों में आवक अधिक हुई थी। सरकारी खरीद की गति धीमी देखी जा रही है।
वर्तमान समय में पंजाब में लगभग 70 फ्लोर मिलें क्रियाशील है जिसकी औसत दैनिक गेहूं क्रशिंग (मिलिंग) क्षमता 6400 टन की है लेकिन इसे अपनी 50 प्रतिशत क्षमता का ही उपयोग करने का अवसर मिल रहा है।
इस तरह फ्लोर मिलों की वार्षिक मिलिंग क्षमता करीब 12 लाख टन की है। इसके 50 प्रतिशत भाग की खरीद हो चुकी है। आमतौर पर मिलर्स पंजाब में 25-30 प्रतिशत गेहूं खरीदते हैं जबकि शेष भाव खाद्य निगम प्राप्त करते हैं।