iGrain India - सांगली । पिछले साल की तुलना में चालू वर्ष के दौरान हल्दी के घरेलू उत्पादन में 20 से 30 प्रतिशत तक की गिरावट का अनुमान लगाना जा रहा है जिससे मंडियों में इसकी आपूर्ति का दबाव नहीं पड़ रहा है और कीमतों में मजबूती बरकरार है।
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने हल्दी का घरेलू उत्पादन पिछले साल के 11.70 लाख टन से घटकर इस बार 10.74 लाख टन रह जाने का अनुमान लगाया है।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार उत्पादन घटने के साथ-साथ उत्पादकों द्वारा आगे कीमतों में तेजी आने की उम्मीद से माल का स्टॉक दबाए जाने से मंडियों में हल्दी की आवक कम हो रही है।
इसी तरह लोक सभा चुनाव की गहमा-गहमी के कारण महाराष्ट्र की मंडियों में माल कम आ रहा है। अगले 15-20 दिनों में स्थिति स्पष्ट हो सकती है।
यदि घरेलू एवं निर्यात मांग मजबूत रही तथा कीमतों में सुधार आने के संकेत मिले तो जून में हल्दी की आपूर्ति बढ़ सकती है। उसी समय इसकी बिजाई की प्रक्रिया भी आरंभ हो जाएगी।
मोटे अनुमान के अनुसार हल्दी के कुल उत्पादन के लगभग 5 प्रतिशत भाग का स्टॉक किसानों द्वारा अगली बिजाई के लिए अपने पास रखा जाता है। बिजाई के लिए मौसम एवं मानसून की हालत अनुकूल रहने पर हल्दी के उत्पादक अपने स्टॉक की बिक्री बढ़ाने का प्रयास कर सकते हैं।
समीक्षकों के अनुसार यदि हल्दी का भाव ऊंचे स्तर पर बरकरार रहा तो इसकी मांग में 10-20 प्रतिशत की कमी आ सकती है। हल्दी के लगभग 80-90 प्रतिशत भाग की आवक प्रमुख उत्पादक राज्यों में हो चुकी है। इसका बाजार पहले कुछ हद तक स्थिर रहेगा और फिर बढ़ना शुरू हो जाएगा।
एक विश्लेषक का कहना है कि मई के अंत तक यदि दाम बढ़कर 21000-22000 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच जाए जो कोई हैरानी की बात नहीं होगी।