iGrain India - सिंगापुर । दक्षिण-पूर्व एशिया में अवस्थित देश-थाईलैंड में भीषण गर्मी एवं बारिश की कमी से गन्ना की फसल प्रभावित हो रही है जिससे चीनी उत्पादन का अगला परिदृश्य कमजोर नजर आ रहा है।
आईसीई एक्सचेंज में मई एक्स्पायरी के अनुबंध के तहत कुल मिलाकर लगभग 16.70 लाख टन चीनी की डिलीवरी की गई। सिंगापुर की विल्मर इंटरनेशनल ने सर्वाधिक चीनी की डिलीवरी दी जबकि लुई ड्रेपफस ने सबसे सबसे अधिक मात्रा में चीनी हासिल की।
मई माह से अनुबंध के सापेक्ष यह अब तक की तीसरी सबसे बड़ी डिलीवरी रही। वैसे अब भारी मात्रा में चीनी की डिलीवरी आम बात हो गई है। कच्ची चीनी (रॉ शुगर) के वैश्विक निर्यात में अकेले ब्राजील का योगदान करीब 70 प्रतिशत रहता है।
वहां अप्रैल से चीनी उत्पादन का नया सीजन शुरू होता है। मई, जुलाई तथा अक्टूबर डिलीवरी के लिए उसके मिलर्स अधिक मात्रा में चीनी के निर्यात का अनुबंध करते हैं।
चालू वर्ष की पहली तिमाही के दौरान ब्राजील से औसतन 30 लाख टन चीनी का निर्यात हुआ जबकि जनवरी-मार्च में कच्ची चीनी का उत्पादन कम होता है।
एक अग्रणी विश्लेषक के अनुसार थाईलैंड को अभी भीषण गर्मी एवं उच्च तापमान का संकट झेलना पड़ रहा है। यह तापमान कहीं-कहीं उछलकर 52 डिग्री सेंटीग्रेड तक पहुंच गया है जो गन्ना की फसल के लिए घातक साबित हो रहा है।
अगले दो सप्ताह तक थाईलैंड के प्रमुख गन्ना उत्पादक इलाकों में वर्षा नहीं या नगण्य होने तथा मौसम अत्यन्त गर्म और शुष्क रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है। उल्लेखनीय है कि थाईलैंड में गन्ना की फसल वर्षा पर आश्रित रहती है।
वहां गन्ना की पैदावार 1000-1100 लाख टन से घटकर 900-950 लाख टन पर सिमटने की संभावना है जिससे चीनी के उत्पादन में स्वाभाविक रूप से गिरावट आ जाएगी।
ब्राजील में यद्यपि सरकारी एजेंसी- कोनाब ने 2024-25 के सीजन में चीनी एवं गन्ना का उत्पादन बढ़कर नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने का अनुमान लगाया है मगर खराब मौसम को देखते हुए उद्योग-व्यापार समीक्षकों का मानना है कि चीनी का वास्तविक उत्पादन पिछले सीजन (2023-24) से कम या उसके आसपास हो सकता है। चीनी के निर्यात में ब्राजील पहले और थाईलैंड दूसरे नम्बर पर है।