iGrain India - दारेस्सलाम । अफ्रीकी देश- तंजानिया में आंधी-तूफान के साथ हो रही मूसलाधार वर्षा, भयंकर बाढ़ तथा भूस्खलन जैसी आपदाओं के कारण विभिन्न भागों में अब तक 155 लोगों के मरने तथा 230 लोगों के घायल होने की सूचना मिली है जबकि अरहर (तुवर) की बिजाई में बाधा पड़ने तथा फसल को नुकसान होने की आशंका भी है।
तंजानिया के प्रधानमंत्री का कहना है कि वैश्विक तापमान में हुई बढ़ोत्तरी से अल नीनो मौसम चक्र की तीव्रता बढ़ी है और इसलिए देश के अनेक भागों में जोरदार बारिश होने के कारण बाढ़ एवं भूस्खलन का गंभीर संकट पैदा हुआ है।
तंजानिया की संसद को सम्बोधित करते हुए 25 अप्रैल को प्रधानमंत्री ने कहा था कि इन प्राकृतिक आपदाओं से जान माल का भारी नुकसान हुआ है, फसलें बर्बाद हुई हैं और बुनियादी ढांचे को काफी क्षति पहुंची है।
मकान, सड़क, पूल तथा रेलवे को भारी क्षति होने की सूचना है। 51 हाजर से अधिक परिवारों एवं 2 लाख से ज्यादा लोगों पर इसका सीधा असर पड़ा है।
इस वर्ष जनवरी से अप्रैल के दौरान तंजानिया के विभिन्न भागों में भारी वर्षा का दौर जारी रहा। मौसम विभाग का कहना है कि बारिश का सिलसिला मई में भी बरकरार रहेगा।
तंजानिया अफ्रीका महाद्वीप में तुवर का एक महत्वपूर्ण उत्पादक देश है और भारत में भी वहां से इस महत्वपूर्ण दलहन का आयात होता है। तंजानिया से भारत चना भी मंगाता है।
मोजाम्बिक, मलावी एवं सूडान की भांति तंजानिया में भी मार्च-मई के दौरान तुवर फसल की बिजाई होती है और अगस्त-सितंबर से इसका नया माल तैयार होकर मंडियों में आने लगता है।
बाढ़-वर्षा एवं आंधी-तूफान से फसल को हुई क्षति का आंकलन करने में आने लगता है। बाढ़-वर्षा एवं आंधी-तूफान से फसल को हुई क्षति का आंकलन करने में कुछ समय लग जाएगा क्योंकि अनेक क्षेत्रों में खेत अभी जलमग्न है। आगे यदि वर्षा का दौर जारी रहा तो फसल को नुकसान की आशंका और भी बढ़ सकती है।