iGrain India - नई दिल्ली। हालांकि हरियाणा में प्रादेशिक एजेंसियों द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (5650 रुपए प्रति क्विंटल) पर किसानों से भारी मात्रा में सरसों की खरीद की गई है लेकिन अन्य प्रमुख उत्पादक प्रांतों- राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश एवं गुजरात आदि में केन्द्रीय एजेंसी- नैफेड की सरसों खरीद की गति धीमी चल रही है। सरसों तेल एवं सरसों खल के दाम में भी तेजी नहीं है इसलिए क्रशिंग- प्रोसेसिंग इकाइयों को ऊंचे दाम पर सरसों खरीदने का प्रोत्साहन नहीं मिल रहा है। इसके फलस्वरूप 26 अप्रैल से 2 मई वाले सप्ताह के दौरान इस महत्वपूर्ण तिलहन के दाम में 50-100 रुपए प्रति क्विंटल तक की गिरावट आ गई।
42% कंडीशन सरसों
समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान 42 प्रतिशत कंडीशन वाली सरसों का भाव दिल्ली में 5250 रुपए प्रति क्विंटल पर स्थिर रहा जबकि जयपुर में 25 रुपए गिरकर 5325/5350 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया। उत्तर प्रदेश की हापुड़ मंडी में सरसों का दाम 5375 रुपए प्रति क्विंटल पर स्थिर रहा मगर आगरा में 10 रुपए सुधरकर 5800 रुपए प्रति क्विंटल हो गया।
गुजरात
सरसों का मूल्य आलोच्य सप्ताह के दौरान गुजरात की डीसा मंडी में 100 रुपए तथा धनेरा में 25 रुपए प्रति क्विंटल, हरियाणा के चरखी दादरी में 25 रुपए प्रति क्विंटल, मध्य प्रदेश के पोरसा में 50 रुपए तथा ग्वालियर में 100 रुपए प्रति क्विंटल घट गया। राजस्थान के भरतपुर एवं अलवर में सरसों की कीमत क्रमश: 35 रुपए एवं 50 रुपए नरम रही लेकिन बूंदी में 100 रुपए बढ़कर 5100 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गई।
सरसों
लगभग सभी मंडियों में सरसों का भाव सरकारी समर्थन मूल्य से नीचे चल रहा है जिससे उत्पादक काफी चिंतित हैं। सरसों की आवक राष्ट्रीय स्तर पर सामान्य से कम हो रही है। किसानों ने नीचे दाम पर अपनी बिकवाली घटा दी है। सरसों की आवक 26 अप्रैल को 5 लाख बोरी हुई थी जो 27 अप्रैल को सुधरकर 6.25 लाख बोरी तथा 29 एवं 30 अप्रैल को 7-7 लाख बोरी पर पहुंची मगर 1 मई को 50 प्रतिशत घटकर 3.50 लाख बोरी रह गई। 2 मई को आवक बढ़कर 5.50 लाख बोरी पहुंची। सरसों की प्रत्येक बोरी 50 किलो की होती है।
सरसों तेल
सरसों तेल के दाम में आमतौर पर 5-10 रुपए प्रति 10 किलो की नरमी रही मगर अलवर में यह 90 रुपए घटकर 900 रुपए प्रति 10 किलो पर आ गया। दिल्ली में दाम 5 रुपए मजबूत रहा।