iGrain India - नई दिल्ली । ईरान समर्थित यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा लाल सागर से आगे भी व्यावसायिक (माल वाहक) जहाजों पर हमला किए जाने की अशंका है जो भारतीय निर्यातकों के लिए अच्छी खबर नहीं है।
दरअसल ये समुद्री लुटेरे अब लाल सागर से सैकड़ों मील दूर (आगे) हिन्द महासागर तक अपनी पहुंच बनाने का प्रयास कर रहे हैं जिससे व्यापारिक जहाजों के लिए यह जल मार्ग लगातार असुरक्षित होता जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह हूती विद्रोहियों द्वारा लाल सागर से आगे एक कंटेनर बेसेल (जहाज) पर ड्रोन से हमला किया गया जिसे देखते हुए इंटरनेशनल मैरीराइस विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि यमन की ओर से खतरे का एक नया दौर शुरू हो सकता है जिसे नियंत्रित करने के लिए तत्काल आवश्यक कदम उठाया जाना चाहिए।
गत 26 अप्रैल 2024 को एमएसपी ओरियन जहाज पर हुए ड्रोन हमले से पता चलता है कि हूती विद्रोही अब लाल सागर तक सीमित नहीं है बल्कि उससे साइकों मील आगे तक के जलमार्ग पर व्यापारिक जहाजों के लिए गंभीर खतरा बन गए हैं।
हिन्द महासागर में उसकी बढ़ती गतिविधियां खासकर भारत के लिए गंभीर चिंता का विषय है। ध्यान देने की बात है कि यमन के हुती विद्रोहियों ने मार्च में एक चेतावनी जारी की थी
कि वे अब लाल सागर से बढ़कर हिन्द महासागर के विस्तृत क्षेत्र तक अपने हमले का दायरा बढ़ाएंगे जिसमें एशिया और यूरोप के बीच कैंप ऑफ गुड हॉप के सस्ते जाने वाले सभी व्यापारिक जहाजों (मर्चेंट वेसेल्स) का निशाना बनाना भी शामिल है।
लाल सागर क्षेत्र में बढ़ते उपद्रव के कारण भारतीय शॉपर्स ने कैप ऑफ गुड़ होप का रस्ता अपनाया था जिससे समय और खर्च बढ़ गया था। अब यदि यह जलमार्च भी समाप्त हो गया तो भारतीय निर्यकों के लिए संकट और भी बढ़ जाएगा और खासकर बासमती चावल, मसाला तथा चाय-कॉफी का निर्यात प्रभावित हो सकता है।