iGrain India - चंडीगढ़ । केन्द्र शासित प्रदेश- चंडीगढ़ के प्रशासन ने केन्द्र सरकार का दिशा निर्देश प्राप्त होने के बाद मसालों में मिलावट के खिलाफ सख्त कार्रवाई आरंभ कर दी है।
इसके तहत खाद्य सुरक्षा विभाग ने एक विशेष दल का गठन किया है और मसालों में मिलावट की जांच-पड़ताल आरंभ कर दी है। यह टीम जगह-जगह छापेमारी करके मिलावटी मसालों का पता लगाएगी और दोषियों को सजा दिलवाएगी।
विभाग के पांच खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की एक संयुक्त टीम बनाई गई है जिसने चंडीगढ़ में अवस्थित मसाला निर्माण इकाइयों से सैम्पल (नमूना) एकत्रित करना और फिर जांच-परीक्षण के लिए उसे विशेष प्रयोगशाला में भेजना शुरू कर दिया है। इससे मसालों की क्वालिटी एवं शुद्धता की सटीक जानकारी मिल सकेगी।
चंडीगढ़ के स्वास्थ्य विभाग के शीर्ष अधिकारी का कहना है कि निर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) इकाइयों के साथ-साथ प्रदेश में मसालों के रि-पैकर्स भी मौजूद हैं।
दो दिनों के अंदर सभी परिसरों से नमूने एकत्रित करके उसे जांच-परीक्षण के लिए केन्द्रीय प्रयोगशाला को भेज दिया जाएगा और उस जांच रिपोर्ट को भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के वेबसाइट पर अपडेट कर दिया जाएगा। चडीगढ़ प्रशासन मिलावटी खाद्य पदार्थों के खिलाफ काफी सख्त है।
वरिष्ठ आधिकारिक सूत्रों के अनुसार प्रत्येक प्रतिष्ठान एवं टी-पैकर्स से पांच-सात मसालों के सैम्पल लिए गए हैं और जब उसे जांच-परीक्षण के लिए प्रयोगशाला में भेजा जाएगा तब 14 दिन के बाद उसकी रिपोर्ट सामने आ जाएगी।
फिलहाल केन्द्र को दैनिक आधार पर अपडेट भेजा जा रहा है। मसालों में एथिलीन ऑक्साइड गैस की मौजूदगी लाई गई है और इसकी मात्रा स्वीकृत या निर्धारित मानक से अधिक बताई जा रही है जिससे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
समझा जाता है कि हांगकांग एवं सिंगापुर के खाद्य नियामक प्राधिकरण द्वारा दो भारतीय कंपनियों के दो-तीन मसाला मिक्स की बिक्री पर रोक दिए जाने के बाद भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने सभी मसाला कंपनियों के उत्पादों की जांच-पड़ताल करवाने का निर्देश दिया था।