iGrain India - कुआलालम्पुर । हालांकि सरकारी संस्था- मलेशियन पाम ऑयल बोर्ड (एम्पोब) द्वारा 10-11 मई को अप्रैल के आंकड़ों का आधिकारिक विवरण प्रकाशित किया जाएगा मगर उससे पूर्व एक प्राइवेट कार्गो सर्वेयर- एसजीएस ने जो आंकड़ा दिया है उससे पता चलता है कि अप्रैल 2024 के दौरान मलेशिया से पाम तेल उत्पादों का निर्यात घटकर 10,45,679 टन पर सिमट गया जो मार्च के निर्यात 11,14,239 टन से कम था।
उल्लेखनीय है कि इंडोनेशिया के बाद मलेशिया दुनिया में पाम तेल का दूसरा सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश है। वहां से भारत, चीन एवं यूरोपीय संघ सहित अनेक बाजारों में बड़े पैमाने पर पाम तेल का निर्यात किया जाता है। इसमें क्रूड पाम तेल, आरबीडी, पाम तेल, रिफाइंड पामोलीन एवं पाम कर्नेल आदि शामिल है।
मलेशिया में पिछले कई महीनों से क्रूड पाम तेल (सीपीओ) पर 8 प्रतिशत का निर्यात शुल्क लागू है और मई के लिए भी इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है क्योंकि इसका रिफरेंस मूल्य उस स्तर से ऊंचा है जो 8 प्रतिशत का शुल्क लगाने का आधार है।
ध्यान देने की बात है कि मलेशिया में पाम तेल के उत्पादन में बढ़ोत्तरी का सीजन आरंभ हो गया है और ऐसी हालत में यदि इसका निर्यात प्रदर्शन कमजोर रहा तो बुर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स (बीएमडी) एक्सचेंज में सीपीओ के बेंचमार्क वायदा मूल्य पर दबाव बढ़ सकता है।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार अप्रैल में भी मलेशियाई पाम तले का भाव सोयाबीन तेल एवं सूरजमुखी तेल के सापेक्ष अनाकर्षक रहा इसलिए भारत और चीन जैसे शीर्ष आयातक देशों में मांग कमजोर पड़ गई।
समीक्षकों का मानना है कि निर्यात प्रदर्शन कमजोर पड़ने से सीईओ के वायदा मूल्य में गिरावट आ सकती है। यदि अन्य प्रतिद्वंदी खाद्य तेलों का दाम स्थिर या नरम रहता है तो पाम तेल का निर्यात मई में भी घट सकता है। इससे उत्पादकों एवं निर्यातक की आय प्रभावित हो सकती है।