iGrain India - नई दिल्ली । स्वदेशी चीनी उद्योग की शीर्ष संस्था- इंडियन शुगर एवं बायो एनर्जी मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन (इस्मा) ने केन्द्र सरकार से 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के लिए 20 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति देने का आग्रह किया है।
इस्मा के अनुसार 1 अक्टूबर 2023 से 30 अप्रैल 2024 के दौरान देश में 314 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ जबकि 5-6 लाख टन का उत्पादन और होने वाला है।
इस तरह पूरे मार्केटिंग सीजन के आरंभ में उद्योग के पास 57 लाख टन चीनी का पिछला बकाया स्टॉक मौजूद था जिसे मिलाकर कुल उपलब्धता 375 लाख टन से ऊपर पहुंच जाएगी।
इसमें से 285 लाख टन चीनी की घरेलू खपत होगी और 90 लाख टन से अधिक चीनी का अधिशेष स्टॉक बच जाएगा। यदि अगले मार्केटिंग सीजन की पहली तिमाही की मांग एवं जरूरत को पूरा करने के लिए उद्योग 60 लाख टन चीनी का स्टॉक अपने पास रखेगा तब भी 30 लाख टन से ज्यादा का अतिरिक्त स्टॉक उसके पास मौजूद रहेगा।
इसमें से अगर 20 लाख टन का निर्यात करने की स्वीकृति दी जाए तो घरेलू बाजार पर कोई असर नहीं पड़ेगा मगर चीनी उद्योग को काफी राहत मिल जाएगी।
इस्मा के अनुसार एथनॉल निर्माण में गन्ना के सीमित उपयोग की अनुमति दिए जाने के कारण चीनी के उत्पादन में सुधार आया है।
गन्ना उत्पादकों के बकाए का भुगतान सही समय पर सुनिश्चित करने के लिए मिलर्स की वित्तीय स्थिति मजबूत होना आवश्यक है। यदि 20 लाख टन चीनी के निर्यात की स्वीकृति मिलती है तो बकाया भुगतान में काफी सहायता मिलेगी।
ध्यान देने की बात है कि अप्रैल में इस्मा ने 10 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति मांगी थी क्योंकि तब तक उत्पादन की तस्वीर स्पष्ट नहीं हुई थी।
चीनी का घरेलू बाजार भाव एक निश्चित सीमा में लगभग स्थिर बना हुआ है और चुनावी माहौल के कारण सरकार अभी कोई अतिरिक्त जोखिम नहीं उठाना चाहती है। वैसे इस्मा का दावा है कि निर्यात की अनुमति के बावजूद चीनी के घरेलू बाजार भाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा।