iGrain India - मुम्बई । भारत में म्यांमार एवं अफ्रीकी देशों से अरहर (तुवर) का आयात नियमित रूप से जारी है। अप्रैल 2024 में देश के विभिन्न बंदरगाहों पर कुल मिलाकर 62,791 टन तुवर का आयात होने का अनुमान है जिसमें सर्वाधिक 25,800 टन का आयात अकेले म्यांमार से हुआ। इसका शिपमेंट जवाहर लाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) पर किया गया।
अफ्रीकी देशों में अप्रैल माह के दौरान मोजमाबिक ने भारत को सबसे ज्यादा 17,468 टन तुवर का निर्यात किया और यह दलहन धामरा उड़ीसा पोर्ट पर पहुंचा।
इसके अलावा सूडान से तूतीकोरिन बंदरगाह पर 8944 टन, केन्या से कोलकाता पोर्ट पर 1710 टन, मलावी से चेन्नई बंदरगाह पर 4108 टन, नाइजीरिया से मूंदड़ा बंदरगाह पर 1135 टन तथा तंजानिया से टोंडियाप्रेट आई सी डी पर 455 टन तुवर का आयात हुआ। युगांडा से भी 3171 टन तुवर का आयात किया गया।
अप्रैल 2023 में 83,149 टन तथा मार्च 2024 में 50,950 टन तुवर का आयात हुआ था। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 की सम्पूर्ण अवधि (अप्रैल-मार्च) के दौरान देश में कुल 7,75,141 टन तुवर का आयात हुआ था जो 2022-23 के आयात 8,95,086 टन तथा वित्त वर्ष 2021-22 के आयात 8,40,463 टन से कम रहा।
उससे पूर्व वित्त वर्ष 2020-21 में 4,42,623 टन तथा 2019-20 में 4,49,477 टन तुवर का आयात किया गया था। वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान अक्टूबर 2023 में सबसे ज्यादा 1,65,917 टन तथा नवम्बर में 1,05,462 टन अरहर का आयात हुआ
जबकि शेष महीनों में आयात की मात्रा एक लाख टन से कम मगर 20 हजार टन से ज्यादा रही। समझा जाता है कि मोजाम्बिक से शिपमेंट में कुछ गतिरोध उत्पन्न होने से तुवर का कम आयात हुआ।
अब अफ्रीकी देशों में तुवर का स्टॉक काफी घट गया है और इसका नया माल अगस्त-सितम्बर में आएगा। अफ्रीका के सबसे प्रमुख उत्पादक देश- मोजाम्बिक में भारी वर्षा एवं भयंकर बाढ़ से तुवर की बिजाई प्रभावित हो रही है जबकि बोई गई फसल को भी नुकसान होने की आशंका है। भारत में तुवर का भाव ऊंचे स्तर पर बरकरार है।