iGrain India - नई दिल्ली । हालांकि तेलंगाना, आंध्र प्रदेश तथा केरल जैसे दक्षिणी राज्यों में सरकारी एजेंसियों द्वारा किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर रबी कालीन धान की खरीद की जा रही है मगर उड़ीसा एवं पश्चिम बंगाल में खरीद की प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हुई है।
उड़ीसा में 1 मई से धान की खरीद शुरू करने का निश्चय किया गया था मगर मूसलाधार वर्षा होने तथा खेतों में पानी भर जाने से धान की कटाई संभव नहीं हो पाई। अब वहां मई के अंत से धान की कटाई एवं सरकारी खरीद आरंभ होने की संभावना है। धान में नमी का अंश भी बढ़ गया है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार यद्यपि तेज हवा एवं मूसलाधार वर्षा के कारण उड़ीसा में धान की कटाई में करीब एक माह की देर होने की संभावना है लेकिन फसल को कोई खास नुकसान होने की खबर नहीं मिली है।
सरकार वहां धान खरीद की समय सीमा एक सप्ताह के लिए बढ़ा सकती है लेकिन इस वर्ष चावल की खरीद में 10-15 प्रतिशत तक की गिरावट आने की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि उड़ीसा देश में धान-चावल के 10 शीर्ष उत्पादक राज्यों में शामिल है और केन्द्रीय पूल में इसका अच्छा योगदान भी देता है।
बंगाल में भी धान की सरकारी खरीद शुरू होने में कुछ देर हो गई है लेकिन अब इसकी प्रक्रिया शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है। पश्चिम बंगाल धान-चावल का प्रमुख उत्पादक राज्य है।
कई अन्य प्रांतों की भांति बंगाल में भी खरीफ और रबी-दोनों सीजन में धान की खेती होती है। बंगाल सरकार अपनी योजनाओं के लिए भी चावल खरीदती है।
2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन में 6 मई 2024 तक तेलंगाना में 38.40 लाख टन तथा आंध्र प्रदेश में 17 लाख टन चावल खरीदा गया जो पिछले साल से क्रमश: 11 प्रतिशत एवं 18 प्रतिशत कम रहा।
इसमें खरीफ और रबी दोनों की खरीद शामिल है। केन्द्र सरकार ने 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के लिए धान का न्यूनतम समर्थन (एमएसपी) सामान्य श्रेणी का 2188 रुपए प्रति क्विंटल तथा 'ए' ग्रेड का 2203 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है।
केन्द्रीय पूल के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को अभी तक राइस मिलर्स से 292 लाख टन चावल प्राप्त हो चुका है जबकि 183 लाख टन अतिरिक्त चावल प्राप्त होना अभी बाकी है। इससे सरकार के पास चावल का पर्याप्त स्टॉक मौजूद रहेगा।