iGrain India - नई दिल्ली । विगत कुछ समय से मगज-तरबूज की मंडियों में गिरावट बनी हुई है। वर्तमान स्थिति को देखते हुए हाल-फिलहाल कीमतों में तेजी की संभावना भी नहीं है।
उल्लेखनीय है कि गत वर्ष कीमतों में रिकॉर्ड तेजी आने के कारण इस वर्ष सरकार ने मगज-तरबूज के आयात को अनुमति वर्ष में दो बार दी है। ताकि बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगा सके।
रिकॉर्ड भाव
देश में मगज तरबूज का उत्पादन कम रहने के कारण गत वर्ष मई माह के दौरान जोधपुर में मगज तरबूज के भाव 740/775 रुपए पर बोले जा रहे थे।
भाव ऊंचे होने के कारण सरकार ने 8 जून को 35 हजार टन मगज-तरबूज के आयात की अनुमति दी थी यह आयात 31 अक्टूबर 2023 तक करना था।
आयात की समयावधि पूरी होने के पश्चात कीमतों में फिर तेजी का दौर शुरू हो गया और नवम्बर-2023 के अंत में कीमतें रिकॉर्ड स्तर 801/821 रुपए पर पहुंच गई है।
मगर ऊंचे भावों पर मांग प्रभावित होने के कारण कीमतों में धीरे-धीरे गिरावट शुरू हो गई और मार्च 2024 में भाव घटकर 585/605 रुपए पर आ गए।
अप्रैल माह के शुरू में सरकार द्वारा मगज-तरबूज आयात का दूसरी बार नोटिफिकेशन जारी किया गया और 1 मई 2024 से 30 जून -2024 तक मगज तरबूज आयात की अनुमति दे दी गई।
जिस कारण से कीमतों में गिरावट शुरू हो गई और वर्तमान में जोधपुर में भाव घटकर 395/435 रुपए पर आ गए है। सूत्रों का मानना है कि आगामी दिनों में मगज-तरबूज का आयात बढ़ने की संभावना है। जिस कारण से हाल फिलहाल कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है।
आयात
कमजोर पैदावार एवं घटते आयात के कारण चालू सीजन के दौरान मगज-तरबूज की कीमतों में रिकॉर्ड तेजी दर्ज की गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार चालू सीजन के प्रथम 11 माह अप्रैल-2023- फरवरी - 2024 के दौरान मगज-तरबूज का आयात 65989 टन का किया गया था। वर्ष 2022-23 (अप्रैल-मार्च) के दौरान कुल आयात 65989 टन का रहा था। जबकि वर्ष 2021-22 में आयात केवल 20355 टन का हुआ था। वर्ष 2020-21 में आयात 59280 टन का रहा था।