iGrain India - नई दिल्ली । हालांकि पूर्ववर्ती वर्षों की भांति इस बार भी गेहूं का घरेलू उत्पादन सरकारी अनुमान से काफी कम होने की संभावना है जिसका प्रमाण मंडियों में तेजी से घटती आवक तथा सरकारी खरीद में आ रही कमी से मिलता है। मध्य प्रदेश और राजस्थान का मामला विशेष रूप से ध्यान देने लायक है। वहां न केवल न्यूनतम समर्थन मूल्य से ऊपर किसानों को 125 रुपए प्रति क्विंटल का अतिरिक्त बोनस दिया जा रहा है बल्कि गेहूं की क्वालिटी के मानदंड में भी भारी रियायत दी गई है। दोनों प्रांतों में मार्च से ही खरीद की प्रक्रिया आरंभ हो गई थी मगर फिर भी नियत लक्ष्य अभी 'बहुत' दूर है। मध्य प्रदेश में तो केवल 61.50 लाख टन गेहूं की आवक हुई है जिसमें से 43 लाख टन (70 प्रतिशत) की खरीद सरकारी एजेंसियों द्वारा की गई।
पंजाब एवं हरियाणा
पंजाब एवं हरियाणा में गेहूं खरीद की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है मगर अभी लक्ष्य तक पहुंचने में काफी देर है। पंजाब में 120 लाख टन एवं हरियाणा में 69 लाख टन गेहूं खरीदा गया है जो नियत लक्ष्य 130 लाख टन एवं 80 लाख टन से क्रमश: 10 लाख टन एवं 4 लाख टन कम है।
दिल्ली
4 से 10 मई 2024 वाले सप्ताह के दौरान दिल्ली में यूपी / राजस्थान के गेहूं का भाव 15 रुपए गिरकर 2435/2475 रुपए प्रति क्विंटल तथा इंदौर में 150 रुपए लुढ़ककर 2300/3000 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया। ध्यान देने की बात है कि प्राकृतिक आपदाओं के प्रकोप से इस बार इंदौर संभाग में गेहूं की फसल को भारी नुकसान हुआ है और इसकी क्वालिटी भी खराब हो गई है। देवास में भी गेहूं का दाम 100 रुपए घट गया। लेकिन डबरा और उज्जैन में यह क्रमश: 50 रुपए एवं 150 रूपए तेज रहा। भोपाल में दाम 50 रुपए नरम रहा।
राजस्थान
राजस्थान में गेहूं का दाम बारां मंडी में 35 रुपए गिरकर 2350/2650 रुपए प्रति क्विंटल रह गया मगर बूंदी में 50 रुपए सुधरकर 2325/2600 रुपए पर पहुंच गया। उत्तर प्रदेश में गेहूं के दाम में या तो नरमी या स्थिरता देखी गई। दिल्ली में 5-6 हजार बोरी गेहूं की औसत दैनिक आवक हो रही है। राजस्थान की मंडियों में 25-30 हजार बोरी तक की अलग-अलग आवक हुई।