iGrain India - नई दिल्ली । केन्दीय पूल के लिए सरकारी एजेंसियों द्वारा प्रमुख उत्पादक राज्यों में गेहूं की खरीद की जा रही है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष 12 मई तक देश भर में इन एजेंसियों द्वारा कुल 253 लाख टन गेहूं खरीदा गया जो पिछले साल की सामान अवधि की खरीद 256.82 लाख टन से करीब 1.5 प्रतिशत पर 4 लाख टन पीछे है।
ज्ञात हो कि 2023-24 के रबी मार्केटिंग सीजन हेतु केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय ने 372.90 लाख टन गेहूं की विशाल खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है जबकि वास्तविक खरीद इससे 'बहुत' पीछे है।
मंडियों में आवक तथा खरीद की धीमी गति को देखते हुए यह विशाल लक्ष्य हासिल होने में संदेह है। पिछले साल केंद्रीय पूल के लिए कुल 262 लाख टन तथा वर्ष 2022 में 188 लाख टन गेहूं खरीदा गया था जो नियत लक्ष्य से काफी कम था।
पिछले साल की तुलना में चालू वर्ष के दौरान गेहूं की सरकारी खरीद मध्य प्रदेश में 68.85 लाख टन से 35 प्रतिशत घटकर 44.47 लाख टन रह गई लेकिन राजस्थान में 3.33 लाख टन से बढ़कर 7.65 लाख टन तथा उत्तर प्रदेश में 1.88 लाख टन से उछलकर 8.17 लाख टन पर पहुंच गई।
मध्य प्रदेश एवं राजस्थान में किसानो से 2400 रूपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीदा जा रहा है जिसमे 2275 रूपए प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा 125 रूपए प्रति क्विंटल का अतिरिक्त बोनस शामिल है मध्य प्रदेश में 80 लाख टन, उत्तरप्रदेश में 60 लाख टन तथा राजस्थान में 20 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा गया है।
राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश में खरीद का स्तर इसलिए ज्यादा ऊंचा प्रतीत हो रहा है क्योंकि पिछले दो साल से वहां गेहूं की बहुत कम खरीद की गई।
वर्ष 2023 के दौरान उत्तर प्रदेश में महज 2.20 लाख टन एवं राजस्थान में 4.38 लाख टन गेहूं खरीदा गया था। मध्य प्रदेश एवं राजस्थान में खरीद बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने 23 अप्रैल को गेहूं की गुणवत्ता संबंधी नियमो-शर्तो में भारी रियायत (राहत) देने की घोषणा की थी।
अधिकारीक आंकड़ों के अनुसार पंजाब में गेहूं खरीद पिछले साल के 119.89 लाख टन से करीब 2 प्रतिशत बढ़कर इस बार 122 लाख टन पर पहुंची
मगर फिर भी यह नियत लक्ष्य 130 लाख टन से 8 लाख टन पीछे है। इसी तरह हरियाणा में गेहूं की खरीद 62.75 लाख टन से 12 प्रतिशत बढ़कर 70.51 लाख टन पर पहुंच गई लेकिन यह 80 लाख टन के नियत लक्ष्य से करीब 9.50 लाख टन पीछे है।