iGrain India - नई दिल्ली । केंद्र सरकार अगले महीने (जून) से खुले बाजार बिक्री योजना (ओ एम एस एस) के तहत गेहूं की बिक्री आरम्भ करने के लिए ई-नीलामी प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय ले सकती है।
नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि गेहूं की सरकारी खरीद इस बार 262.90 लाख टन से आगे निकल चुकी है जो पिछले साल की कुल खरीद 261.90 लाख टन से एक लाख टन ज्यादा है।
पिछले साल जून के अंतिम सप्ताह में गेहूं की ई-नीलामी शुरू हुई थी जो 28 फरवरी 2024 तक जारी रही। चूंकि गेहूं का पिछला बकाया स्टॉक बहुत कम था और इसकी खरीद भी नियत लक्ष्य से काफी पीछे चल रही है इसलिए सरकार को यह निर्णय लेने में कठिनाई हो रही है कि ओ एम एस एस के तहत गेहूं की बिक्री शुरू की जाए या नहीं।
दूसरी ओर तमाम सरकारी प्रयासों के बावजूद थोक मंडियों में गेहूं का भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से ऊंचा चल रहा है। जिससे आम-लोगों को ऊंचे दाम पर इसके उत्पादों की खरीद करनी पड़ रही है।
मंडियों में गेहूं की आपूर्ति का कोई दबाव नहीं देखा जा रहा है जबकि अभी इसका पीक सीजन चल रहा है। व्यापारियों-स्टॉकिस्टों एवं फ्लोर मिलर्स-प्रोसेसर्स को पर्याप्त मात्रा में गेहूं की खरीद करने में सफलता नहीं मिल रही है सरकार गेहूं तथा इसके उत्पादों के दाम को नियंत्रित करना चाहती है इसलिए उसे जल्द ही ओ एम एस एस के तहत इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न की बिक्री दोबारा शुरू करने का निर्णय लेना पड़ सकता है।
2023-24 के दौरान खुले बाजार बिक्री योजना के तहत 94.10 लाख टन गेहूं की रिकार्ड बिक्री हुई थी जिससे बाजार काफी हद तक स्थिर रहा था।
जानकारों का कहना है कि ऊंचे दाम की उम्मीद से बडे -बडे किसानो ने गेहूं का भारी-भरकम स्टॉक पकड़ रखा है और इसलिए मंडियों में इसकी सीमित आवक हो रही है।
यदि सरकार ने ओ एम एस एस दोबारा शुरू नहीं की अथवा गेहूं पर लगे 40 प्रतिशत के आयात शुल्क को हटाने का निर्णय नहीं किया तो अगले महीने से बाजार भाव सुधरना शुरू हो सकता है।