iGrain India - नई दिल्ली । अमरीकी कृषि विभाग (उस्डा) ने चालू वर्ष (2024-25) के दौरान चीनी का वैश्विक उत्पादन 1860 लाख टन के ऊंचे स्तर पर बरकरार रहने का अनुमान लगाते हुए कहा है कि यद्यपि ब्राजील में उत्पादन कुछ घट सकता है मगर दक्षिण-पूर्व एशिया में होने वाला बेहतर उत्पादन इसकी भरपाई कर देगा।
उस्डा की विदेश कृषि सेवा (फास) द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार थाईलैंड में इस वर्ष चीनी का उत्पादन 16 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है जबकि चीन और भारत में भी उत्पादन कुछ बढ़ सकता है।
दूसरी ओर ब्राजील से चीनी का उत्पादन 15 लाख टन तक घटने की सम्भावना है जबकि वह दुनिया में इसका सबसे बड़ा उत्पादक एवं निर्यातक देश है। चीनी के उत्पादन में भारत दूसरे नम्बर पर है।
रिपोर्ट के मुताबिक यद्यपि चीनी की वैश्विक खपत में भी कुछ इजाफा होगा लेकिन यह उत्पादन से पीछे रहेगा और इस तरह वैश्विक चीनी बाजार में सरप्लस (अधिशेष) स्टॉक मौजूद रहने के आसार हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था में विकास की गति धीमी रहने की सम्भावना है। इससे खपत में वृद्धि सीमित हो सकेगी।
ब्राजील में गर्म एवं शुष्क मौसम के कारण गन्ना की फसल के नुकसान होने से चीनी के उत्पादन में कुछ कमी आएगी लेकिन फिर भी यह अब तक का दूसरा सबसे सबसे बड़ा उत्पादन साबित हो सकता है।
ब्राजील से चीनी के निर्यात तथा ब्राजील में इसके उपयोग में कोई ख़ास बदलाव आने की सम्भावना नहीं है। 2023-24 के सीजन में करीब 1835 लाख टन चीनी का वैश्विक उत्पादन आंका गया जिसमें ब्राजील का योगदान 455 लाख टन, भारत का 340 लाख टन और यूरोपीय संघ का योगदान 150 लाख टन का रहा।