iGrain India - मुम्बई । दुनिया भरके करोड़ों उपभोक्ताओं के बीच लोक्रप्रिय भारतीय ब्रांडेड मसालों तथा मसाला उत्पादों को सिंगापुर एवं हांगकांग ने दागदार बनाने का प्रयास किया।
वहां उचित रूप से दो भारतीय कंपनियों के मसाला मिक्स में एथीलीन ऑक्साइड (ईटीओ) का अंश माना या स्वीकृत स्तर से ज्यादा पाए जाने के बाद उसके आयात कारोबार एवं उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
इसके बाद नेपाल सहित कई अन्य देशों में भी ईटीओ की उपस्थिति का परीक्षण आरंभ हो गया। यह स्थिति भारतीय मसाला निर्यातकों के लिए हानिकारक साबित हो सकती है।
मसाला निर्यात के प्रमुख नियामक- मसाला बोर्ड ने देश के दो शीर्षस्थ ब्रांड से सम्बन्धित मसालों की प्रोसेसिंग एवं निर्माण इकाइयों में जांच-पड़ताल आरंभ कर दी है।
ईटीओ के बारे में कहा जाता है कि इसकी अधिक मात्रा का सेवन करने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। ईटीओ के बारे में कहा जाता है कि इसकी अधिक मात्रा का सेवन करने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
ईटीओ को कीटनाशक माना जाता है जबकि मूलत: यह एक गैस है जो खास पदार्थों को संरक्षित रखने के लिए उपयोग में लाया जाता है।
करीब एक माह पूर्व हांगकांग और सिंगापुर ने इन दो लोकप्रिय कंपनियों के ब्रांडेड मसाला मिक्स में ईटीओ की मात्रा जरूरत से ज्यादा पाए जाने का बहाने से इसके आयात एवं उपयोग पर प्रतिबंध लगाया था जबकि न्यूजीलैंड,
ऑस्ट्रेलिया एवं अमरीका ने कहा था कि वे इन दोनों ब्रांडों के बारे में शिकायत का अध्ययन कर रहे हैं। ब्रिटेन की सरकार ने भारत से आयातित सभी मसालों के लिए गुणवत्ता मानकों को सख्त किया है।
इधर मसाला बोर्ड भारतीय कंपनियों के साथ तीन दौर की बातचीत कर चुका है। उसका कहना है कि ये कम्पनियां इस शिकायत को दूर करने के लिए गंभीर प्रयास कर रही हैं।