iGrain India - मुम्बई । स्वदेशी वनस्पति तेल उद्योग एवं व्यापार क्षेत्र की एक अग्रणी संस्था- सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सी) ने केन्द्र सरकार से राइस ब्रान एक्सट्रैक्शन (डि-ऑयल्ड राइस ब्रान या डीओआरबी) के निर्यात पर लगे प्रतिबंध की समय सीमा को आगे नहीं बढ़ाने का अनुरोध किया है।
मालूम हो कि सरकार ने पहले जुलाई 2023 में 31 मार्च 2024 तक के लिए डीओआरबी के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी और फिर इसकी अवधि को चार माह बढ़ाकर जुलाई 2024 तक नियत कर दिया। इस तरह निर्यात पर पूरे एक साल का प्रतिबंध लग गया।
डीओआरबी का उपयोग पशु आहार निर्माण में बड़े पैमाने पर किया जाता है। भारत से करीब 5-6 लाख टन राइस ब्रान एक्सट्रैक्शन का वार्षिक निर्यात होता रहा है जिसका शिपमेंट मुख्यत: वियतनाम एवं थाईलैंड सहित कई अन्य देशों को किया जाता था।
भारत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसका एक स्थायी एवं विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता देश बना हुआ था और इससे चावल उद्योग को काफी राहत मिल रही थी लेकिन सरकार ने अचानक जुलाई 2023 में गैर बासमती सफेद (कच्चे) चावल के साथ-साथ डि ऑयल्ड राइस ब्रान के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा दिया। इसके फलस्वरूप घरेलू बाजार में भाव तेजी से घटने लगा।
एसोसिएशन का कहना है कि यदि निर्यात पर प्रतिबंध लागू रहा तो डि ऑयल्ड राइस ब्रान के दाम में आगे और गिरावट आ सकती है जिससे खासकर पश्चिम बंगाल के राइस मिलर्स को भारी नुकसान हो सकता है क्योंकि वहां से इसका निर्यात बड़े पैमाने पर होता रहा है।