iGrain India - मुम्बई । केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि दलहनों का घरेलू उत्पादन 2021-22 में 273 लाख टन की ऊंचाई पर पहुंचा था जो 2022-23 में घटकर 260.60 लाख टन और 2023-24 में गिरकर 234.40 लाख टन रह गया।
उद्योग-व्यापार क्षेत्र का उत्पादन अनुमान इससे भी काफी छोटा है। जिन दो दलहनों की कीमतों में सर्वाधिक बढ़ोत्तरी हुई उसमें चना और अरहर शामिल है।
दिलचस्प तथ्य यह है कि उत्पादन में सबसे ज्यादा गिरावट भी इन्ही दो दलहनों में देखी गई। चना का उत्पादन 2021-22 के 135.40 लाख टन से लुढ़ककर 2022-23 में 122.70 लाख टन एवं 2023-24 में गिरकर 121.60 लाख टन पर सिमट गया।
इसी तरह अरहर (तुवर) का उत्पादन 2021-22 के 42.20 लाख टन से घटकर 2022-23 में 33.10 लाख टन पर सिमट गया जबकि 2023-24 के सीजन में 33.40 लाख टन का उत्पादन आंका गया।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार 2023-24 के सीजन में तुवर का उत्पादन 30 लाख टन से कम और चना का उत्पादन 100 लाख टन से नीचे रहा। दूसरी ओर घरेलू मांग एवं खपत में बढ़ोत्तरी जारी है।
इसके फलस्वरूप विदेशों से दलहनों का आयात और इस पर होने वाला खर्च बहुत बढ़ गया। वित्त वर्ष 2023-24 (अप्रैल-मार्च) में दलहनों का आयात खर्च बढ़कर 3.75 अरब डॉलर पर पहुंच गया जो पिछले सात वर्षों में सबसे ज्यादा रहा।
इससे पूर्व 2015-16 में 3.90 अरब डॉलर तथा वित्त वर्ष 2016-17 में 4.24 अरब डॉलर मूल्य के दलहनों का आयात हुआ था। मात्रा की दृष्टि से दलहनों का आयात 2023-24 में उछलकर 45.40 लाख टन की ऊंचाई पर पहुंच गया
जो 2022-22 में 23.70 लाख टन तथा 2021-22 में 25.20 लाख टन रहा था। 2016-17 में सर्वाधिक 63.60 लाख टन दलहनों का आयात हुआ था।