iGrain India - नई दिल्ली । प्रमुख उत्पादक इलाकों में मौसम की हालत अनुकूल होने से इस वर्ष चिरौंजी का घरेलू उत्पादन बेहतर हुआ है जिससे पूरे साल इसकी आपूर्ति उपलब्धता की स्थिति सुगम बनी रह सकती है।
यद्यपि मांग एवं आपूर्ति के समीकरण के आधार पर कीमतों में सामान्य उतार-चढ़ाव बरकरार रहने की संभावना है लेकिन इसमें भारी तेजी आना मुश्किल लगता है।
पिछले साल चिरौंजी का भाव काफी ऊंचा एवं तेज रहा था जिससे मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं उड़ीसा जैसे अग्रणी उत्पादक राज्यों में इसका उत्पादन बढ़ाने पर काफी जोर दिया गया। इसके प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में बैतूल गंज, मुलताई, बस्तर, शहडोल, कालाहांडी, जगदलपुर एवं अमरवाड़ा आदि शामिल हैं।
कीमतों में पिछले साल वाली तेजी नहीं होने से उत्पादक कच्ची मंडियों में गुठली की निकासी कम कर रहे हैं जिससे वहां इसका अभाव होने की आशंका व्यक्त की जा रही है लेकिन फसल की हालत को देखते हुए लगता है कि अभी कृत्रिम अभाव उत्पन्न किया जा रहा है।
जल्दी ही मंडियों में आवक सामान्य होने लगेगी और फिर कीमतों में भारी तेजी की संभावना क्षीण पड़ जाएगी। एक खास बात यह है कि इस बार बेहतर उत्पादन के साथ-साथ चिरौंजी की क्वालिटी भी काफी अच्छी बताई जा रही है
इसलिए इसके दाम में जोरदार गिरावट आने की संभावना भी बहुत कम है। गत वर्ष के मुकाबले इस बार उत्पादन में 50 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोत्तरी होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
झारखंड एवं उड़ीसा में चिरौंजी की अच्छी आवक होने लगी है जबकि मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में पहले से ही आपूर्ति हो रही है।