iGrain India - चंडीगढ़ । केंद्रीय पूल में खद्यान्न का सर्वाधिक योगदान देने वाले राज्य- पंजाब में चालू रबी मार्केटिंग सीजन के दौरान गेहूं की कुल आवक बढ़कर 132 लाख टन से ऊपर पहुंच गई है।
पंजाब के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष 26 मई को राज्य की मंडियों में 6 हजार टन गेहूं पहुंचा जिसे मिलाकर पूरे सीजन में इसकी कुल मात्रा बढ़कर 132.25 लाख टन से शीर्ष स्तर पर पहुंच गई।
गेहूं की सरकारी खरीद के लिए 31 मई 2024 तक की समय सीमा निश्चित की गई है। राज्य में गेहूं की खरीद के लिए 1907 क्रय केन्द्र खोले गए हैं।
पंजाब में आमतौर पर 1 अप्रैल से 31 मई के बीच गेहूं की खरीद होती है। मई का अंतिम सप्ताह होने से अब गेहूं की आवक काफी घट गई है।
वैसे केन्द्र सरकार ने इस बार राज्यों को खुली छूट दे रखी है कि जब तक गेहूं की आवक होगी तब तक इसकी खरीद की प्रक्रिया जारी रखी जाए।
पंजाब में गेहूं की इस शानदार आवक का प्रमुख कारण इसकी औसत उपज दर में जोरदार इजाफा होना है। पंजाब में इस बार संगरूर जिले में सबसे ज्यादा 9.94 लाख टन गेहूं की आवक हुई।
उसके बाद पटियाला में 9.70 लाख टन, मुक्तसर में 9.17 लाख टन, भटिंडा में 9.10 लाख टन एवं फ़िरोजपुर जिले में 8.64 लाख टन गेहूं आया।
इस 132.25 लाख टन की कुल आवक में से सरकारी एजेंसियों द्वारा 124.60 लाख टन तथा प्राइवेट फर्मों द्वारा 7.40 लाख टन गेहूं खरीदा गया। पिछले साल सरकारी एजेंसियों ने 125.87 लाख टन गेहूं खरीदा था।
पंजाब में पिछले कई वर्षों से गेहूं का रकबा एक निश्चित सीमा में लगभग स्थिर बना हुआ है। 2023-24 के सीजन में वहां क्षेत्रफल कुछ सुधरकर 35.08 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो 86 लाख एकड़ के समतुल्य तथा 2022-23 सीजन के बिजाई क्षेत्र 34.90 लाख हेक्टेयर से 18 हजार हेक्टेयर ज्यादा है।
इस बार पंजाब में गेहूं की फसल के लिए मौसम की हालत काफी हद तक अनुकूल नहीं और वहां उन्नत किस्मों की खेती अधिक क्षेत्रफल में की गई।
राज्य के सभी जिलों में इस बार गेहूं की औसत उपज दर बढ़कर 54 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के करीब पहुंच गई जो पिछले सीजन की तुलना में 7-8 क्विंटल ज्यादा है।