iGrain India - तिरुअनन्तपुरम । दक्षिणी राज्यों और खासकर केरल तथा तमिलनाडु में हाल के दिनों में हुई भारी वर्षा से बागानी फसलों को काफी राहत मिलने की उम्मीद है। नारियल नारियल, सुपारी, चाय, कॉफी एवं रबड़ के साथ मसाला फसलें भी शामिल हैं।
मसाला फसलों में विशेषकर छोटी इलायची एवं कालीमिर्च की फसल को फायदा होने के आसार हैं। केरल में मार्च-अप्रैल के दौरान वर्षा का अभाव होने से इलायची की फसल का विकास अवरुद्ध हो गया था मगर मई की बारिश से इसकी हालत कुछ सुधर जाएगी।
मानसून-पूर्व की यह वर्षा आंध्र प्रदेश और तेलंगाना सहित दक्षिण भारत के अन्य राज्यों (कर्नाटक एवं तमिलनाडु) में हल्दी एवं लालमिर्च की अगैती बिजाई शुरू करने में किसानों के लिए मददगार साबित होगी।
इन दोनों मसाला फसलों का बाजार भाव ऊंचा चल रहा है जिससे इसकी बिजाई के प्रति उत्पादकों में उत्साह एवं आकर्षण बढ़ सकता है।
मौसम विभाग ने अप्रैल में कहा था कि दक्षिण-पश्चिम मानसून इस बार 31 मई को केरल के दक्षिणी तट पर पहुंच सकता है। वह अपने इस अनुमान पर अब भी कायम है।
रेमल समुद्री चक्रवाती तूफान से मानसून के निर्माण एवं आगे बढ़ने की क्षमता पर असर पड़ने की आशंका व्यक्त की जा रही थी मगर मौसम विभाग ने इसे ख़ारिज कर दिया है।
केरल में अधिकांश बागामी फसलों की तुड़ाई-तैयारी पहले ही आरंभ हो चुकी है जबकि छोटी इलायची की तुड़ाई जून के अंत का जुलाई के आरंभ में शुरू होने की संभावना है। हाल की बारिश से अच्छी क्वालिटी में कुछ सुधार आ सकता है।