iGrain India - बैंकॉक । इंडोनेशिया की सरकारी एजेंसी बुलॉग द्वारा 1.50 लाख टन चावल के आयात का टेंडर थाईलैंड के बजाए वियतनाम को प्रदान किए जाने के बावजूद थाई चावल के निर्यात ऑफर मूल्य में पिछले सप्ताह तेजी का माहौल बना रहा क्योंकि ब्राजील एवं मैक्सिको जैसे देश इसकी खरीद में अच्छी दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
ब्राजील में चावल के सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त- रियो ग्रैण्ड डो सूल में भारी वर्षा एवं भयंकर बाढ़ के कारण धान की फसल बुरी तरह बर्बाद हो गई है जिससे उसे 10 लाख टन अतिरिक्त चावल का आयात करने के लिए विवश होना पड़ सकता है।
वियतनाम में भी चावल के निर्यात मूल्य में कुछ बढ़ोत्तरी हुई है। भारतीय गैर बासमती सेला चावल का भाव अपेक्षाकृत नीचे है इसलिए इसकी खरीद में विदेशी आयातकों का आकर्षण बरकरार है।
हालांकि भारत से 100 प्रतिशत टूटे चावल तथा गैर बासमती सफेद चावल का व्यापारिक निर्यात बंद है मगर सेला चावल का शिपमेंट जारी है। पिछले सप्ताह 5 प्रतिशत टूटे भारतीय सेला चावल का निर्यात ऑफर मूल्य कुछ सुधरकर 536-544 डॉलर प्रति टन पर पहुंचा जबकि उससे पूर्ववर्ती सप्ताह में यह 531-539 डॉलर प्रति टन रहा था।
इसके मुकाबले 5 प्रतिशत टूटे थाई चावल का निर्यात ऑफर मूल्य 630-635 डॉलर प्रति टन से सुधरकर 635-640 डॉलर प्रति टन हो गया। यह पिछले लगभग 3 माह का सबसे ऊंचा स्तर था।
समीक्षकों का कहना है कि भाव काफी ऊंचा होने से थाई चावल के कारोबार पर कुछ प्रतिकूल असर पड़ सकता है। वियतनाम के 5 प्रतिशत टूटे चावल का भाव 585-590 डॉलर प्रति टन रहा। इंडोनेशिया में चावल की अच्छी मांग देखी जा रही है जबकि फिलीपींस भी लम्बे समय से थाईलैंड एवं वियतनाम से अच्छी मात्रा में चावल मंगा रहा है।