iGrain India - मैसूर । कर्नाटक के एक प्रमुख उत्पादक क्षेत्र- कामराज नगर में चालू वर्ष के दौरान हल्दी के बिजाई क्षेत्र में पिछले साल के मुकाबले करीब 10-15 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी होने की संभावना है क्योंकि एक तो इसका भाव ऊंचा होने के उत्पादकों को आकर्षक आमदनी प्राप्त हो रही है और दूसरी इस बार मौसम एवं मानसून की हालत भी अनुकूल रहने की उम्मीद है।
मई के आरंभ में हुई मानसून-पूर्व की अच्छी बारिश से कामराज नगर में हल्दी की बिजाई का सीजन जल्दी शुरू हो गया और इसकी ऊंची उपज दर वाली किस्मों के बीज की मांग काफी बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं।
पिछले कुछ वर्षों के दौरान कामराज नगर स्थित करसिहि विज्ञान केन्द्र द्वारा हल्दी के अनेक उच्च उत्पादकता वाली किस्मों का विकास किया गया और इसकी ऊंची उपज दर वाली किस्मों के बीज की मांग काफी बढ़ने के संकेत मिल रहे है।
पिछले कुछ वर्षों के दौरान कामराज नगर स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा हल्दी को अनेक उच्च उत्पादकता वाली किस्मों का विकास किया गया और इसकी व्यावसायिक खेती भी शुरू हो गई।
इसमें आई आई एसआर प्रतिभा और अल्लेप्पी किस्में भी शामिल हैं जो इस क्षेत्र में खेती के लिए पूर्वी तरह उपयुक्त है। हल्दी की इन किस्मों का विकास कालीकट (केरल) स्थित भारतीय मसाला अनुसंधान संस्थान (आईआईएसआर) द्वारा किया गया जिसमें 'करर्ल्युमिन' का अंश ऊंचा रहता है और कीड़ों तथा रोगों से लड़ने की ज्यादा क्षमता होती है।
कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रमुख का कहना है कि पिछले साल कामराज नजर में हल्दी का उत्पादन क्षेत्र 8700 हेक्टेयर रहा था जो चालू वर्ष के दौरान बढ़कर 10,000 हेक्टेयर से ऊपर पहुंच सकता है।
उत्पादकों को इस बार हल्दी का लाभप्रद एवं आकर्षक मूल्य प्राप्त हुआ है। इस जिले में हल्दी को धान एवं कपास सहित कई अन्य फसलों को प्रतिस्पर्धी का सामना करना पड़ता है।
एलएफसीओ के सदस्य के अनुसार हल्दी की अच्छी क्वालिटी के बल्क (बीज) की काफी अच्छी मांग देखी जा रही है जबकि आपूर्ति कम हो रही है।
2023-24 सीजन के दौरान हल्दी का भाव उछलकर 15,000-16,000 रुपए प्रति क्विंटल की उंचाई पर पहुंचने से किसानों के शानदार आमदनी प्राप्त हो रही है जबकि पिछले साल इसका दाम महज 5000-6000 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा था। इससे किसान काफी उत्साहित है।