iGrain India - मेलबोर्न । ऑस्ट्रेलियाई मौसम ब्यूरो (बीओेएम) ने कहा है कि ला नीना मौसम चक्र पर नजर रखी जा रही है और दो सप्ताह पूर्व इस सम्बन्ध में जो घोषणा की गई थी वह इस बात की गारंटी नहीं है कि यह निश्चित रूप से सक्रिय होगा।
मालूम हो ला नीना के प्रभाव से सक्रिय और खासकर भारत में दूर-दूर तक काफी अच्छी वर्षा होती है। करीब दो सप्ताह पूर्व बीओेएम ने इस मौसम चक्र के आने की बात कही थी।
इसका कहना था कि प्रशांत महासागर में अल नीनो लगभग निष्क्रिय हो गया है, कुछ समय तक स्थिति उदासीन (न्यूट्रल) रह सकती है और उसके बाद ला नीना मौसम चक्र का विकास हो सकता है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) भी कुछ इसी तरह का अनुमान व्यक्त कर रहा है मगर ऑस्ट्रेलियाई मौसम एजेंसी का नजरिया अब बदल गया है।
बीओेएम के अनुसार सात में से चार मॉडल यह संकेत दे रहे हैं कि समुद्री सतह का तापमान (एस एस टी) न्यूट्रल ईरान एसओ स्तर पर ही बरकरार रहेगा जबकि शेष तीन मॉडल से पता चलता है कि यह एसएसटी ठंडा होकर अशस्त से ला नीना के स्तर पर आना शुरू हो सकता है।
अल नीनो सॉदर्ण ऑसिलेशन (ई एन एस ओ) फिलहाल लगभग न्यूट्रल हो गया है जिसका मतलब यह हुआ कि अभी न तो अल नीनो का प्रकोप है और न ही ला नीना का प्रभाव है।
मौसम ब्यूरो के अनुसार प्रशांत महासागर में ला नीना का यदि विकास होगा भी तो वह वर्ष 2024 के अंतिम महीनों में हो सकता है।
लेकिन फिलहाल ला निना के सक्रिय होने की कोई गारंटी नहीं दी जा सकती है। अभी इसके 50-50 प्रतिशत चांस बन रहे हैं और बहुत संभव है कि अगस्त-सितम्बर में इसकी सक्रियता बढ़ जाए।