iGrain India - नई दिल्ली । देश के सुदूर दक्षिणी राज्य- केरल में दक्षिण- पश्चिम मानसून 30 मई को ही पहुंच गया जबकि मौसम विभाग ने 31 मई को इसके आने की संभावना व्यक्त की थी जबकि इसके आने की नियत तिथि 1 जून मानी जाती है। मानसून का एक सिरा पूर्वोत्तर राज्यों में भी पहुंच गया है। देश में लगभग 75 प्रतिशत वर्षा इसी मानसून सीजन (जून-सितम्बर) के दौरान होती है।
मौसम विभाग के मुताबिक दक्षिण-पश्चिम मानसून 19 मई को ही अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में सक्रिय हो गया था। वहां से उसे केरल पहुंचने में 10-12 दिनों का समय लगता है।
पहले यह आशंका व्यक्त की जा रही थी कि बंगाल की खाड़ी से उठा रेमल समुद्री समुद्री चक्रवाती तूफान मानसून का रास्ता रोक सकता है मगर मौसम विभाग ने इस आशंका को खारिज करते हुए कहा था कि मानसून पर रेमल तूफान का कोई असर नहीं पड़ेगा।
दक्षिण-पश्चिम मानसून ने केवल अपने निर्धारित समय से पहले ही भारत की मुख्य भूमि में पहुंचा है जबकि यह काफी सघन और गतिशील भी बना हुआ है।
केरल में पहले से ही मानसून-पूर्व की भारी बारिश हो रही है जबकि अब वहां मानसून भी सक्रिय हो गया है। मौसम विभाग द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि 30 मई 2024 को यानी आज ही मानसून केरल पहुंचा और पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश भागों में भी सक्रिय हो गया।
पिछले कुछ दिनों से केरल एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र में भारी से लेकर बहुत भारी वर्षा हो रही है। राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) की एक टीम 29 मई को पूर्वोत्तर क्षेत्र में पहुंच गई जहां भारी वर्षा के कारन जान-माल के नुकसान की खबर आ रही थी।
मौसम विभाग की एक बुलेटिन में कहा गया है कि पूर्वोत्तर आसाम एवं इसके निकटवर्ती क्षेत्र में निम्न एवं मध्यम ऊंचाई पर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन मौजूद है जिसके प्रभाव से अगले सात दिनों के दौरान अरुणाचल प्रदेश,
आसाम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर मिजोरम एवं त्रिपुरा तथा पश्चिम बंगाल के उप हिमालयी क्षेत्र और सिक्किम दूर-दूर तक हल्की या मध्यम बारिश होगी अथवा गरज-चमक के साथ बौछार पड़ेगी। हवा की गति 30-40 कि०मी० प्रति घंटा रह सकती है।