iGrain India - कलबुर्गी । अरहर (तुवर) के शीर्ष उत्पादक राज्य- कर्नाटक में इस महत्वपूर्ण दलहन की बिजाई में किसानों का उत्साह एवं आकर्षण काफी बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। कर्नाटक के सबसे प्रमुख उत्पादक जिला- कलबुर्गी (गुलबर्गा) में तो हालत ऐसी है कि तुवर के रोग प्रतिरोधी बीज की खरीद के लिए किसानों की लम्बी-लम्बी कतारें लगने लगी हैं।
कृषि विज्ञान केन्द्र को एक ही दिन में करीब एक करोड़ रुपए मूल्य के बीज की बिक्री करने में सफलता मिल गई। किसान इस बीज की खरीद के लिए घंटों तक लाइन में खड़े रहकर अपनी बारी का इंतजार करते हैं।
इसके तहत कम समय में पककर तैयार होने वाली किस्मों- जीआरजी 811 एवं जीआरजी 152 की मांग ज्यादा देखी जा रही है क्योंकि इसमें रोग- प्रतिरोधी क्षमता अधिक होती है। कर्नाटक के पड़ोसी राज्यों के किसान भी इसकी खरीद में भारी दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
तुवर के इस रोग प्रतिरोधी बीज का विकास तो रायचूर स्थित कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा किया गया है जबकि इसकी बिक्री कलबुर्गी के कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा की जा रही है। 27 मई से इस बीज की बिक्री आरंभ हुई थी।
चूंकि तुवर का घरेलू बाजार भाव काफी ऊंचा और तेज चल रहा है इसलिए अधिक से अधिक संख्या में किसान इसकी खेती की तरफ आकर्षित हो रहे हैं।
इससे चालू वर्ष के दौरान प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में तुवर के उत्पादन क्षेत्र में अच्छी बढ़ोत्तरी होने की संभावना है। कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा एक दिन में 60 टन तुवर बीज की बिक्री की गई जबकि रोजाना इसकी भारी मांग देखी जा रही है।
पिछले साल सूखे की वजह से कर्नाटक में तुवर की फसल को भारी क्षति हुई थी। इस बार मौसम काफी हद तक सामान्य रहने तथा अच्छी बारिश होने की उम्मीद की जा रही है।